Ranchi-जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने जेपीएससी मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि जेपीएससी के इतिहास में आज तक इससे बड़ी गड़बड़ी नहीं हुई.
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विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने इसे महागड़बड़ी से नवाजते हुए कहा कि अगर किसी चीज में गड़बड़ी हुई है तो उसमें सुधार किया जाना चाहिए. अपने ही सरकार पर सवाल दागते हुए पूछा कि जेपीएससी की ओर से जो गड़बड़ियां हुई है, उसको लेकर अब तक क्या कार्रवाई की गई. यह तो समझ से परे है कि सरकार की ओर से अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. इस मामले में तुरंत कार्रवाई किए जाने की जरुरत है.
लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि अब वे इस मामले को सदन में भी उठाएंगे. इसके साथ ही उनकी कोशिश होगी कि मुख्यमंत्री खुद छात्रों से बात इस मामले का समाधान करें.
यहां बता दें कि सातवीं जेपीएससी का परीक्षा परिणाम जारी होते ही यह विवादों का कारण बन गया. परीक्षा परिणाम जारी होती ही राज्य भर से अभ्यर्थी रांची के मोराबादी का बापू वाटिका में डेरा डाले हुए हैं. अभ्यर्थियों की मांग परीक्षा परिणाम को रद्द करने की है. अभ्यर्थियोंने इस मामले में कई बार जेपीएससी कार्यालय का घेराव भी किया है और इसके साथ ही राज्यपाल से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. अभ्यर्थियों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में एक साथ अभ्यर्थियों का सीरीज बाईज पास करना संयोग नहीं हो सकता. इधर जेपीएससी ने पहली बार इस मुद्दे पर अपनी भूल को स्वीकार किया और सीरीजबाईज पास किए गए 56 अभ्यर्थिकों का परिणाम रद्द कर दिया. जेपीएससी की ओर से कहा गया कि इन अभ्यर्थियों की ओर से ओमआर सीट नहीं जमा किया गया, इसके कारण ही उनका परीक्षा परिणाम रद्द को किया गया. लेकिन, उसके बाद भी अभ्यर्थियों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा. उनकी मांग अब भी पूरे परीक्षा परिणाम को रद्द करने की है.
जेपीएससी से रोज नये-नये कारनामे सामने आ रहे हैं-माले विधायक विनोद सिंह
इधर माले विधायक विनोद सिंह ने कहा है कि जेपीएससी के रोज नये-नये कारनामे सामने आ रहे हैं, जो पहले पास होता है बाद में उसे फेल कर दिया जाता है. पिछले सत्र से अब तक इस मुद्दे पर कोई सकारात्मक चर्चा नहीं हुई. सरकार ने कहा था कि 2021 का वर्ष नियुक्तियों का वर्ष होगा, लेकिन अब तक सिर्फ नियमावली में बदलाव किया जा रहा है, यह तो नियुक्तियों का नहीं छंटनी का वर्ष साबित हो रहा है.
अभ्यर्थियों का आजसू का समर्थन-सुदेश महतो
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा है कि हम लोग मुखर होकर आन्दोलन का समर्थन कर रहे हैं. सरकार को तुरंत इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए. नियुक्ति वर्ष को लेकर सुदेश महतो ने कहा कि शेष चार पांच दिन बचे हैं हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए. क्योंकि सरकार कभी-कभी करिश्मा भी करती है तो हम लोग उस करिश्मा का इंतजार करें. पूरे झारखंड के नौजवान उस करिश्मा के इंतजार में बैठे हुए हैं