रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए झारखंड यूथ एसोसिएशन की ओर से जेपीएससी कार्यालय के सामने 13 दिसम्बर से आमरण अनशन किया जाएगा. एसोसिएशन ने कहा कि आयोग द्वारा प्रत्येक परीक्षा में अलग-अलग ढंग से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. पहली व दूसरी परीक्षा में कम अंक वाले पैरवी पुत्रों के अंक बढ़ा कर उन्हें अधिकारी बनाया गया. गाय पर निबंध लिखने वाले डिप्टी कलेक्टर बने. 300 ऐसे लोगों को अधिकारी बनाया गया जो प्रारंभिक परीक्षा में भी सफल नहीं थे.
एसोसिएशन के सफी इमाम ने कहा कि आन्दोलन करने पर लाठी चार्ज करना और निर्दाेष 300 से अधिक छात्रों पर केस दर्ज किया गया है. झारखंड लोक सेवा आयोग का गठन 2002 ई. को राज्य में अधिकारी की चयन हेतु परीक्षा आयोजित करने के लिए किया गया था, लेकिन इस संवैधानिक संस्था ने जितनी भी परीक्षा आयोजित की लगभग सभी परीक्षाओं में गड़बड़ी व भ्रष्टाचार की खबरें सामने आयी. पहली व दूसरी सिविल सेवा परीक्षा समेत लगभग 18 परीक्षाओं की पिछले दस वर्ष से सीबीआई जांच चल रही है. सभी में नेताओं व मंत्रियों के भाई-भतीजे की चयन की खबरें सामने आयी है. आयोग के अध्यक्ष भी जेल जाकर निकल चुके हैं.
उन्होंने कहा कि सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि पिछले 20 वर्ष में मात्र 6 परीक्षा अभी तक आयोजित हो सकी है, और सभी के सभी विवादित है. इस बीच सभी राजनीतिक दलों ने आयोग के माध्यम से बार-बार राज्य के होनहार युवाओं की भविष्य को कुचला गया है. आयोग द्वारा प्रत्येक परीक्षा में अलग-अलग ढंग से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. पहली व दूसरी परीक्षा में कम अंक वाले पैरवी पुत्रों के अंक बढ़ा कर अधिकारी बनाया गया है. गाय पर निबंध लिखने वाले को डिप्टी कलेक्टर बनाया गया, 300 ऐसे लोगों को अधिकारी बनाया गया जो प्रारंभिक परीक्षा भी सफल नहीं थे.
सफी इमाम ने कहा कि चौथी राज्य सिविल सेवा परीक्षा में विज्ञप्ति के विरुद्ध स्केलिंग करके भ्रष्टाचार किया गया. वहीं पांचवी परीक्षा में आरक्षण का पालन नहीं किया गया व मामुली चुक बता कर अधिक अंक वाले 618 अभ्यर्थियों की उम्मीदवारी रद्द कर दिया गया. छठी परीक्षा में आरक्षण का पालन नहीं किया गया, हर स्तर पर गड़बड़ी व भ्रष्टाचार हुआ और अंत में विज्ञप्ति के विरुद्ध क्वालिफाईंग पेपर के अंक को जोड़ कर मैरिट लिस्ट जारी किया गया. झारखंड के युवाओं की आवाज झारखंड यूथ एसोसिएशन आयोग की उक्त सभी गतिविधियों की निंदा करती है और भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग कार्यालय के समक्ष 13 दिसम्बर से आमरण अनशन पर जाने की घोषणा करती है.
रिपोर्ट : शाहनवाज
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