रांची: झारखंड में बहुचर्चित जेपीएससी प्रथम सिविल सेवा नियुक्ति घोटाले की आंच अब और तेज हो गई है। इस मामले में चार आरोपियों ने सीबीआई कोर्ट से “हाज़िरी से छूट” की मांग की है — यानी अदालत में पेश न होने की अनुमति। मगर सीबीआई की ओर से जवाब दाखिल नहीं हो सका, लिहाज़ा कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त तय की है।
कौन हैं ये चार ‘हाज़िरी से बचने वाले’ आरोपी?
जिन लोगों ने 6 मार्च को अदालत में उपस्थित न होने की याचिका दायर की है, वे हैं:
रवींद्र गगराई
डॉ. ज्योति कुमार सिन्हा
विजेंद्र कुमार
राजेश कुमार सिंह
इन पर सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है और यह सभी आरोपी घोटाले की जांच के दायरे में हैं।
क्या है मामला?
यह घोटाला झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की प्रथम सिविल सेवा परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें नियुक्ति प्रक्रिया में कथित तौर पर भारी अनियमितता हुई। सीबीआई ने इस घोटाले में अब तक 47 अफसरों समेत 74 आरोपियों के खिलाफ समन जारी किए हैं।
कोर्ट में क्या हुआ?
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान चार आरोपियों की याचिका पर सीबीआई की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया। कोर्ट ने मांग स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 21 अगस्त तय कर दी।
अब क्या होगा?
21 अगस्त को यह तय होगा कि इन चार आरोपियों को नियमित अदालत में हाजिर होने से राहत मिलेगी या नहीं। साथ ही, यह मामला जेपीएससी की प्रतिष्ठा पर लगे दाग को और गहरा करने वाला साबित हो सकता है।