रांची. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा पेपर लीक मामले में झारखंड हाई कोर्ट में करीब चार घंटे तक सुनवाई चली। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई। मामले में कल फिर इस पर सुनवाई होगी।
इस दौरान प्रार्थी प्रकाश कुमार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजित कुमार सिन्हा और समीर रंजन ने पक्ष रखा। वहीं, राज्य सरकार की ओर से उपस्थित CID की टीम में CID IG अनुप बिरथरे भी मौजूद रहे। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में दोनों पक्षों के तर्क सुने गए।
क्या है JSSC CGL पेपर लीक मामला?
प्रार्थी प्रकाश कुमार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि JSSC CGL परीक्षा 2024 में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी और पेपर लीक हुआ है। याचिका में परीक्षा को रद्द करने और पूरी प्रक्रिया की CBI जांच या हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की कमेटी से जांच कराने की मांग की गई है।
JSSC CGL पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई
बता दें कि, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले में कल कार्रवाई करते हुए सीआईडी (CID) की टीम ने वित्त विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी संतोष कुमार मस्ताना को गिरफ्तार कर लिया था। उन पर पेपर लीक से जुड़ी गलत अफवाह फैलाने और जांच में बाधा डालने का आरोप है।
जानकारी के अनुसार, 17 सितंबर को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान संतोष कुमार मस्ताना का नाम सामने आया था। कोर्ट में एक अभ्यर्थी के साथ उनके चैट को लेकर चर्चा हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में सीआईडी की धीमी कार्रवाई पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद सीआईडी ने लगातार पूछताछ की और अब कार्रवाई करते हुए मस्ताना को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
बताया जा रहा है कि, JSSC के समक्ष संतोष कुमार मस्ताना के सभी दावे झूठे निकले। मामले में संतोष के द्वारा पूर्व में प्रश्न पत्र लीक को लेकर कई दावे किए गए थे। जांच में सभी दावों को गलत पाया गया। इसके बाद उन पर कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
हाईकोर्ट में सुनवाई
मामले में झारखंड हाईकोर्ट में यह सुनवाई प्रकाश कुमार की ओर से दाखिल की गई याचिका पर हुई, जिसमें उन्होंने सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने आग्रह किया है कि पूरी जांच सीबीआई या हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की कमेटी से कराई जाए।
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