झारखंड में पीजीटी शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम स्थगित होने पर क्या बोले असम के सीएम, जानिए

नियुक्ति पत्र

रांची. झारखंड सरकार के द्वारा स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम को स्थगित किए जाने के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बयान दिया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘झारखंड में पीजीटी का स्थगित होना राज्य के लाखों युवाओं की जीत है। अंततः सरकार को युवाओं की मांग को स्वीकार करते हुए इसे स्थगित करना पड़ा। नियुक्तियां फ्री और फेयर की जाएं और मामले की जांच सीबीआई करे।’ बता दें कि हिमंत बिस्वा सरमा झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के प्रभारी भी है।

पीजीटी शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम स्थगित होने बोले अमर बाउरी

वहीं मामले में झारखंड के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अपने एक्स हैडल के माध्यम से कहा, ‘सिर्फ स्थगन नहीं सीबीआइ जांच व कड़ी कार्रवाई जरूरी है। युवाओं के भविष्य से झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार को खेलने नहीं दिया जाएगा। राज्य के लाखों युवाओं के हक व अधिकार की लड़ाई जारी रहेगी – बात सिर्फ पीजीटी परीक्षा तक सीमित नहीं है, राज्य में बड़ी साजिश के तहत नियुक्ति घोटाला झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार के संरक्षण में अंजाम दिया गया है। मांग स्पष्ट है – राज्य सरकार इस नियुक्ति घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपे और सेटिंग करने और करवाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे।’

अमर कुमार बाउरी ने कहा कि स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा का नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम स्थगित होना झारखंड के लाखों छात्रों की जीत है। इस मामले की जांच राज्य सरकार को सीबीआई से करवानी ही होगी। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़,किसी भी तरह की नियुक्ति में घोटाला भारतीय जनता पार्टी बर्दास्त नहीं करेगी। यदि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं करवाई तो आने वाले समय में राज्य के छात्रों के साथ भारतीय जनता पार्टी सड़क से सदन तक की लड़ाई चरणबद्ध तरीके से लड़ेगी।

बताते चलें कि झारखण्ड सरकार ने स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम 3 जुलाई 2024 को तय किया था। इसमें 1500 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाना था। लेकिन इस परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर एक तरफ छात्र धरना पर बैठे है वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी, झारखण्ड प्रदेश ने भी सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन कर इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।

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