पटना : पटना में बड़ा विमान हादसा पायलट की सूझबूझ से टल गया। 15 जुलाई की रात जब दिल्ली से आ रही इंडीगो की फ्लाइट 6E-2482 पटना एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए उतरी तभी कुछ ऐसा हुआ जिसने यात्रियों की सांसें थम सी गई।प्लेन ने जैसे ही रनवे को ‘टचडाउन’ किया, वह नियंत्रण रेखा को पार कर रनवे से फिसलने की स्थिति में आ गया। रनवे का सीमित लंबाई होना और संभवतः तेज गति की वजह से प्लेन की ब्रेकिंग दूरी कम पड़ गई। पायलट ने तुरंत फैसला लेते हुए ‘Go-Around’ यानी दुबारा टेक-ऑफ कर लिया। इसके बाद प्लेन ने पटना शहर के ऊपर करीब दो बार चक्कर लगाया। ईंधन और सिस्टम की स्थिति चेक की गई और फिर सुरक्षित लैंडिंग करवाई गई।
लोगों ने क्या बताया ?
घटना के तुरंत बाद कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर बताया कि हमने झटका महसूस किया, फिर फ्लाइट दोबारा ऊपर चली गई। सब सहम गए थे लेकिन क्रू ने भरोसा दिया और आखिरकार सुरक्षित उतारे गए।
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क्यों है पटना एयरपोर्ट पर ऐसे हादसों का खतरा?
पटना एयरपोर्ट की रनवे लंबाई केवल 2,072 मीटर है। जबकि आमतौर पर बड़े विमान के लिए 2,800 मीटर से अधिक रनवे की ज़रूरत होती है। पटना एयरपोर्ट के दोनों सिरों पर गंगा नदी और रेलवे लाइन होने के कारण रनवे को बढ़ाना लगभग असंभव है। रनवे के बीच में ‘Displaced Threshold’ होने के कारण लैंडिंग एरिया और भी छोटा हो जाता है।यानी, टेक्निकल रूप से अगर ये एयरपोर्ट ‘कंट्रोल्ड रिस्क जोन’ में आता है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। Airport Authority of India और IndiGo ने टेक्निकल ऑडिट शुरू किया है। बताया जा रहा है कि अगले 48 घंटों में उसी विमान का रनवे ट्रैकिंग डेटा, Flight Data Recorder (FDR) और Cockpit Voice Recorder (CVR) एनालिसिस के लिए भेजा गया है।
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प्रेम कश्यप की रिपोर्ट
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