Jamatara-भारत की प्राचीनतम जनजातियों से एक माने जाने वाली कोल जनजाति ने गांधी मैदान में अपना 35वां कोल महासम्मलेन का आयोजन कर कोल जनजाति को आदिम जनजाति में शामिल करने की मांग की है.
इस महासम्मलेन में झारखंड के साथ ही उड़िसा के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सम्मेलन में कोल जनजाति को आदिम जनजाति का दर्जा देने के साथ ही कुल 9 प्रस्तावों को पास किया गया.
कोल समाज के केंद्रीय अध्यक्ष उमानाथ कौल ने कहा कि 35 वर्षों से कोल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. जिस प्रकार से पहाड़िया आदिवासियों को झारखंड में विशेष सुविधा दी जा रही है, हमारी मांग भी कोल जनजाति के समान सुविधा देने की है. कोल जनजाति पहाड़िया जनजाति से भी पुराना है. केंद्रीय कोषाध्यक्ष पशुपति कोल ने कहा कि जिस प्रकार भाजपा सरकार अपना रास्ता भटक गयी थी, ठीक उसी प्रकार वर्तमान सरकार भी रास्ता भटक गयी है.
रिपोर्ट- उज्जवल
पानी की जंग- भरी बरसात में दो घूंट पानी के लिए तरसतें पहाड़िया जनजाति के लोग