एजी नहीं करेगा विद्युत नियामक आयोग का आडिट, हेराफेरी मामले में खड़े किए हाथ

महालेखाकार कार्यालय ने ऊर्जा विभाग को दी जानकारी

रांची : राज्य विद्युत नियामक आयोग में वित्तीय गड़बड़ी की शिकायतों की जांच करने से महालेखाकार (एजी) ने हाथ खड़े कर दिए हैं. शिकायत 50 करोड़ से अधिक की हेराफेरी से जुड़ा है, जिसे पूर्व में अंजाम दिया गया. फिलहाल यह आयोग पूरी तरह डिफंक्ड है.

पिछले आठ महीने से यहां चेयरमैन, तकनीकी और वित्त सदस्य सहित कई पद रिक्त हैं. महालेखाकार कार्यालय ने ऊर्जा विभाग को पत्राचार कर यह जानकारी दी है कि वर्तमान में आय-व्यय का लेखा-जोखा नहीं किया जा सकता. वित्तीय वर्ष 2012-2013 से ही लेनदेन और खर्च का आडिट नहीं हो पाया है.

महालेखाकार कार्यालय ने खर्च के मुताबिक तय फार्मेट में सारी जानकारी तलब की थी, लेकिन वह नहीं मिल पाया है. नियमानुसार, सरकार के सभी विभागों समेत बोर्ड, निगम व आयोग का सालाना लेखा परीक्षा आवश्यक है. अधिसूचना के अनुसार सभी निगम, बोर्ड व आयोग के बैंक अकाउंट बंद कर पीएल अकाउंट खोलना था जिसमें सारा पैसा रखने का प्राविधान है.

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