जातीय जनगणना के मुद्दे पर सीएम नीतीश व तेजस्वी ने पीएम मोदी से की मुलाकात, कहा- उम्मीद है हमारी मांगों पर लेंगे फैसला

10 पार्टियों के 11 नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात

नई दिल्ली : जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सहित 10 पार्टियों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी लोगों ने जाति आधारित जनगणना के पक्ष के मुद्दे पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने सभी की बातों को ध्यान से सुना। हमारी मांगों पर मना नहीं किया है। उम्मीद है वह फैसला लेंगे। बिहार के नेता इस मुद्दे पर एक राय हैं।

पीएम मोदी से मुलाकात

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की 10 पार्टियां इस मुद्दे पर एकजुट हैं। जातीय जनगणना के मुद्दे पर देश के गरीब या यूं कहें अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभ होगा। मंडल कमीशन से पहले तो पता ही नहीं था कि देश में कितनी जातियां हैं। उसके बाद ही पता चला कि देश में हजारों जातियां हैं। उन्होंने कहा कि जब देश में जानवरों की गितनी होती है, पेड़ों की होती है तो इंसानों की भी होनी चाहिए। हम ये जानना चाहते हैं जातीय जनगणना क्यों नहीं होनी। अगर सरकार के पास स्पष्ट आंकड़ा ही नहीं है तो कल्याणकारी योजनाएं कैसे सही तरीके से लागू होंगी। तेजस्वी यादव ने कहा कि पीएम मोदी ने उनके पक्ष को सुना है। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को भी धन्यवाद दिया और कहा कि वह मांग को लेकर पीएम मोदी तक पहुंचे।

पहले भी जातीय सर्वेक्षण में पाई गईं थीं त्रुटियां : सुशील मोदी

राज्यसभा सांसद व बीजेनी नेता सुशील मोदी ने कहा कि वर्ष 2011 में गोपीनाथ मुंडे ने जातीय जनगणना के पक्ष में संसद में पार्टी का पक्ष रखा था। उस समय केंद्र सरकार के निर्देश पर ग्रामीण विकास और शहरी विकास मंत्रालयों ने जब सामाजिक, आर्थिक, जातीय सर्वेक्षण कराया, तब उसमें करोड़ों त्रुटियां पाई गईं थी। जातियों की संख्या लाखों में पहुंच गईं। भारी गड़बड़ियों के कारण उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई।

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