Indian Railway : रेलवे में खाली पद होंगे सरेंडर- रेलवे ने मैन पावर प्लानिंग में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है.
रेलवे कई विभागों के गैर जरूरी पदों को सरेंडर कर देगी.
टिकटिंग, सुरक्षा समेत दूसरे ऐसे विभाग जिनका वर्क लोड कम हो गया है,
उन विभाग के कर्मचारियों को दूसरे विभागों में एडजस्ट कराया जाएगा.
नई व्यवस्था को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन कम सीईओ वीके त्रिपाठी ने
सभी जोनल रेलवे के साथ ही सभी मंडलों के डीआरएम को भी पत्र जारी कर दिया है.
बता दें कि रेलवे को आय का 67 फीसदी हिस्सा मैनपॉवर यानी
अफसरों-कर्मचारियों की सैलरी पर खर्च करना पड़ रहा है.
इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने तय किया है कि ऐसे कर्मचारियों को दूसरे विभागों में शिफ्ट किया जाएगा,
जिनका अब उपयोग नहीं रह गया है. यही नहीं, खाली पद समाप्त करने की तैयारी भी की जा रही है.
बता दें रेलवे में अभी डेढ़ लाख पोस्ट खाली हैं.
रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के महाप्रबंधक को जारी किया आदेश
रेलवे बोर्ड ने देश के सभी जोन के महाप्रबंधक को एक अहम आदेश जारी किया है.
इसमें एक माह के भीतर वर्तमान में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों का युक्तियुक्तकरण करने के लिए कहा गया है. इसी तरह खाली पदों को एक माह के भीतर ही सरेंडर करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए बोर्ड ने रिपोर्ट मांगी है.
कोरोना काल में अधिकांश ट्रेनें थी बंद
कोरोना काल ने रेलवे के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. इस दौरान अधिकांश ट्रेनें बंद करनी पड़ी थीं. बाद में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें श्रमिक वर्ग के लोगों के आने-जाने के लिए कोई टिकट नहीं लिया गया. इसके बाद महीनों तक स्पेशल ट्रेनें ही चलती रहीं, जिसमें भीड़ नहीं के बराबर होती थी. अब जाकर ट्रेनें पहले की तरह चल रही हैं. जाहिर है इस बीच में रेलवे के आय में कमी दर्ज की गई.
कंप्यूटराइजेशन से कम हुआ कर्मचारियों का काम
रेलवे बोर्ड का मानना है कि कंप्यूटराइजेशन और आईटी का उपयोग बढ़ने के बाद कर्मचारियों का काम कम हुआ है. अब टाइम ऑफिस, ईडीपी विभाग, सांख्यिकी विभाग, टिकटिंग, सुरक्षा आदि विभागों में तैनात एक्सेस स्टाफ का उपयोग ऐसी जगहों पर किया जा सकता है, जहां कर्मचारियों की कमी है.
बड़े पैमाने पर फेरबदल के आसार
रेलवे बोर्ड के आदेश और सिर्फ एक माह के भीतर युक्तियुक्तकरण कर रिपोर्ट मांगने से साफ है कि आने वाले दिनों में रेलवे में बड़े पैमाने पर अधिकारी-कर्मचारियों को इधर से उधर किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि रेलवे ने स्टाफ से भी विकल्प मांगा है कि वे कहां काम करना चाहते हैं.
दो भागों में बंटे मिथिलांचल और कोसी का 88 साल बाद होगा मिलन, जानिए कैसे