बूढ़ा पहाड़ से इलाज करवाने के लिए निकला था मिथिलेश मेहता
Gaya– भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी के सदस्य मिथिलेश मेहता उर्फ रोहित उर्फ अभिषेक उर्फ भिखारी उर्फ गेहूं दा को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर आमस थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. भिखारी दा को कई मामलों में लम्बे अर्से से तलाश थी.
एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली मिथिलेश मेहता झारखंड का बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र से इलाज के लिए गया आने वाला है.
इस बीच आमस थाना क्षेत्र का डेल्हो-महापुर सड़क मार्ग पर संदेह के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के क्रम में इस बात की जानकारी मिली की यही वह कुख्यात नक्सली मिथिलेश मेहता है, जिसकी लम्बे अर्से से पुलिस को तलाश थी.
वर्ष 1989 में संगठन में हुआ था शामिल भिखारी दा
बता दें कि मिथिलेश मेहता औरंगाबाद जिले के विष्णुपुर खैरा गांव का रहने वाला है. वह 1989 में संगठन में शामिल हुआ था, वर्ष 2004 में उसे प्रोमोट कर वह भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी का सदस्य बनाया गया. वह वर्ष 2001 में झारखंड के रंका थाना थाना क्षेत्र में पुलिस और माओवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में भी शामिल था.
ग्यारह वर्षों तक जेल में रहने के बाद बाहर निकलते ही एक बार फिर से हुआ सक्रिय
इसी कांड में वह वर्ष 2007 में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, इसके बाद वह 11 वर्षों तक जेल में रहा. वर्ष 2018 में जेल से छूटने के बाद वह एक फिर से नक्सली गतिविधियों में शामिल हो गया.
मिथिलेश गया जिला के छकरबंधा थाना क्षेत्र में रहकर नक्सली गतिविधियों को अंजाम देता रहा. वर्ष 2020 में बांकेबाजार थाना क्षेत्र के सोनदाहा गांव में सरकारी भवन को विस्फोट कर उड़ाने में भी शामिल रहा. साथ ही धनगाई थाना क्षेत्र के झांझी गांव में सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस पर हमला करने सहित अन्य कई कांडों में शामिल रहा. बिहार-झारखंड के कई थानों में उसके ऊपर मामले दर्ज है.
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