मधेपुरा : सोमवार की दोपहर हनुमान नगर चौरा गांव के मुस्लिम टोला के कई घरों को आग ने अपनी चपेट में लिया तो हड़कंप मच गया. कोई खुद की जान बचाने के लिए भागा तो कोई समानों को समेटने में लग गया. 8 साल की सोनी खातून अपने छोटे भाई को लेकर बाहर निकल आयी. फिर उसे अचानक ख्याल आया कि उसका दूसरा छोटा भाई 3 साल का मोहम्मद समीर घर के भीतर ही रह गया. वहां मौजूद लोगों के मुताबिक वो भागकर पहुंची तो भाई को आग की लपटों में घिरा पाया. भगदड़ और शोर-शराबे के बीच उसकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था. ऐसे में सोनी ने अदम्य साहस दिखाया और घुस गई घर के अंदर. आग की लपटों से लड़ते हुए छोटे भाई को गोद में उठाकर निकल भागी. भाई को खरोंच तक नहीं आयी, लेकिन 8 साल की सोनी बुरी तरह से झुलस गयी.
लोगों का कहना है कि 8 साल की सोनी खातून ने जिस तरह से अदम्य साहस का परिचय दिया उससे पूरे गांव में चर्चा हो रही है. सोनी ने अपने छोटे भाई को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की. फिलहाल सोनी का इलाज मधेपुरा के जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है.
मधेपुरा सदर के अंचलाधिकारी योगेंद्र दास ने सोनी के बहादुरी का सलाम किया है. उन्होंने कहा कि उसकी बहादुरी के लिए इसे सरकारी स्तर पर मिलने वाले उचित सम्मान के लिए नामित किया जाएगा. साथ ही जिला पदाधिकारी से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए नामित करने की अनुशंसा करने की भी बात कही है.
जिन लोगों के घर जले हैं उनमें मोहम्मद इलियास, मोहम्मद मन्नत, मोहम्मद मुस्ताक, मोहम्मद इम्तियाज, मोहम्मद यूसुफ, मोहम्मद जसीम उद्दीन, मोहम्मद जसीम और मोहम्मद वसीम शामिल है. पीड़ित लोगों के बीच अंचलाधिकारी द्वारा बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मानदंडों के मुताबिक सहायता प्रदान की गई है.
रिपोर्ट : राजीव रंजन
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