डिजिटल डेस्क : ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ कर बोले PM Modi – भूकंप की चेतावनी देने वाला तंत्र विकसित करें वैज्ञानिक। प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी ने मंगलवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150वें स्थापना दिवस के समारोह में भाग लेने के क्रम में ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ किया।
इस मौके पर वैज्ञानिकों से मौसम विज्ञानियों से सीधा संवाद करते हुए PM Modi ने कहा कि –‘ मौसम वैज्ञानिकों को अब भूकंप की चेतावनी देने वाला तंत्र विकसित करने पर काम करना चाहिए। इससे देश को प्राकृतिक आपदा के समय होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी।’
PM Modi बोले – ‘मिशन मौसम’ का लक्ष्य भारत को स्मार्ट राष्ट्र बनाना
PM Modi ने मौसम विज्ञानियों से सीधा संवाद करने के क्रम में आगे कहा कि – ‘…इस ‘मिशन मौसम’ का मकसद भारत को मौसम के प्रति तैयार और जलवायु के प्रति स्मार्ट राष्ट्र बनाना है। ‘मिशन मौसम’ का उद्देश्य मौसम और जलवायु प्रक्रियाओं की समझ को बेहतर बनाने, वायु गुणवत्ता डेटा प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा जो लंबे समय में मौसम प्रबंधन और हस्तक्षेप की रणनीति बनाने में सहायता प्रदान करेगा।
…इस मिशन का लक्ष्य अत्याधुनिक मौसम निगरानी तकनीक और सिस्टम विकसित करके, उच्च-रिजोल्यूशन वायुमंडलीय अवलोकन, अगली पीढ़ी के रडार और उपग्रहों एवं उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटरों को कार्यान्वित करते हुए उच्च स्तरीय क्षमता को हासिल करना है।
मौसम विज्ञान को भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी और डिजिटल टेक्नोलॉजी का फायदा मिल रहा है। आज देश के पास अंटार्कटिका में मैत्रेयी और भारती नाम के दो मेट्रोलॉजिकल ऑब्जर्वेटरी हैं। पिछले साल अर्थ और अरुणिका नाम के सुपर कंप्यूटर शुरू किए गए हैं। इससे मौसम विभाग की विश्वसनीयता पहले से ज्यादा बढ़ी है। भविष्य में भारत मौसम की हर परिस्थिति के लिए तैयार रहे।
बोले PM Modi – आपदा प्रबंधन क्षमता का सबसे जरूरी सामर्थ्य है मौसम विज्ञान
PM Modi ने कहा कि – ‘मौसम विज्ञान किसी भी देश की आपदा प्रबंधन क्षमता का सबसे जरूरी सामर्थ्य होता है। प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम से कम करने के लिए हमें मौसम विज्ञान की कार्यकुशलता को अधिकतम करने की आवश्यकता होती है। विज्ञान में प्रगति और इसकी पूरी क्षमता का उपयोग करने से देश की वैश्विक प्रतिष्ठा को आकार मिला है।
…अब भूकंप के लिए चेतावनी प्रणाली विकसित करने की जरूरत है। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को इस दिशा में काम करना चाहिए।हमारी मौसम संबंधी प्रगति के साथ हमारी आपदा प्रबंधन क्षमता का निर्माण हुआ है। इसका फायदा पूरी दुनिया को मिल रहा है।
किसी भी देश के वैज्ञानिक संस्थानों की प्रगति साइंस के प्रति उसकी जागरूकता को दिखाती है। वैज्ञानिक संस्थाओं में रिसर्च और इनोवेशन नए भारत के टेंपरामेंट का हिस्सा है। इसलिए पिछले 10 सालों में IMD के इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी में विस्तार हुआ है। ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, रनवे वेदर मॉनिटरिंग सिस्टम, डिस्ट्रिक्ट वाइज रेनफॉल मॉनिटराइजेशन ऐसे अनेक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जोड़े गए हैं।
PM Modi ने कहा – मौसम विज्ञान में उपलब्धियों से विश्व बंधु के रूप में भारत की छवि और भी हुई मजबूत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में मौसम संबंधी अनुकूलता और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए भारतीय मौमस विभाग का IMD Vision (आईएमडी विजन) -2047 दस्तावेज भी जारी किया। इसमें मौसम पूर्वानुमान, मौसम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन शमन की योजनाएं शामिल है।
इसी दौरान विज्ञानियों से संवाद करने के क्रम में PM Modi ने आगे कहा कि – ‘आज हमारा फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका को भी मदद दे रहा है। हमारे पड़ोस में कहीं कोई आपदा आती है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए उपस्थित होता है। इससे विश्व में भारत को लेकर भरोसा भी बढ़ा है। दुनिया में विश्व बंधु के रूप में भारत की छवि और भी मजबूत हुई है।
आज मौसम से जुड़ी सारी अपडेट वॉट्सएप पर मिल जाती है। पिछले 10 सालों में कई साइक्लोन आए, लेकिन हमने जनहानि को जीरो या सबसे कम करके दिखाया। पिछली सरकारों में जब ऐसी प्राकृतिक आपदाओं में हजारों जानें जाती थीं तो उसे नियति कहकर टाल दिया जाता था।
…कल (13 जनवरी) मैं जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में था, वहां का प्रोग्राम पहले बनाया गया था लेकिन मौसम विभाग ने कहा कि 13 जनवरी को प्रोग्राम बनाइए। मैं वहां कल दिन में था। एक बार भी बादल नहीं आए। मौसम विभाग की सूचना के कारण मैं आसानी से कार्यक्रम पूरा करके लौटा।
आज हम भारतीय मौसम विभाग के 150 साल सेलिब्रेट कर रहे हैं। ये 150 साल केवल भारतीय मौसम विभाग की यात्रा ही नहीं है। यह हमारे भारत के साइंस और टेक्नोलॉजी के विकास की भी यात्रा है।
…IMD ने करोड़ों भारतीयों की सेवा की है। 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा तब भारतीय मौसम विभाग का स्वरूप क्या होगा, इसके लिए विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया गया है। सभी देशवासियों को इस गौरवपूर्ण अवसर के लिए शुभकामनाएं’।
इस मौके पर विश्व मौसम विज्ञान विभाग की महासचिव सेलेस्टे सौलो, पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह, पृथ्वी विज्ञान सचिव एम रविचंद्रन, आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा मौजूद रहे।