वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य व्यवस्था, निशाने पर बन्ना गुप्ता
Ranchi– झारखंड में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने हेमंत सरकार पर जबरदस्त पलटवार किया है.
Highlights
प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने स्वास्थ्य विभाग को आड़े हाथों लेते हुए कोल्हान की बड़े शासकीय अस्पताल एमजीएम में व्याप्त लापरवाही को सरकार की विफलता बतलाया है.
कुणाल षाड़ंगी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मंत्री एयरकंडीशन कमरे और गाड़ियों में ऐश फरमा रहे हैं,
वहीं जनता को अस्पतालों में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही.
स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले की एमजीएम,अस्पताल के आईसीयू में एसी ख़राब पड़े हैं
और बड़े चिकित्सकों के दफ्तरों की व्यवस्था दुरुस्त है.
कानून व्यवस्था पहले से ही निचले पायदान पर थी, अब स्वास्थ्य विभाग भी वेंटिलेटर पर
झारखंड सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कहा कि कानून व्यवस्था तो निचले पायदान पर थी ही, अब स्वास्थ्य व्यवस्था भी वेंटिलेटर पर लेट चुकी है.
आने वाले कोरोना से जुड़े संभावित खतरे को देखते हुए कोई तैयारी नहीं दिख रही है.
टीकाकरण से लेकर राज्य में डॉक्टरों की कमी को लेकर सरकार पूरी तरह असंवेदनशील है, कहीं कोई तैयारी नहीं है.
मंत्रियों में सिर्फ़ झूठी वाहवाही लेने की होड़ मची हुई है और जनता कहीं इनकी प्राथमिकता में नहीं है.
कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि 500 करोड़ रुपये में MGM का कायाकल्प होगा.
करोड़ों रूपये की मशीनें ऑपरेटर के अभाव में सड़ रही
कई विभागों में विभागाध्यक्ष नहीं हैं और करोड़ों रूपये की मशीनें ऑपरेटर के अभाव में सड़ रही हैं.
बिना पैरवी के ज़रूरतमंद गर्भवती महिलाओं का ईलाज नहीं हो पाता है.
हाल में माननीय मंत्री महोदय के ज़िले के मुसाबनी की एक गर्भवती महिला के बच्चे की मौत मां के पेट में हो गई.
लेकिन चार दिनों तक मृत शिशु को माँ के शरीर से निकाला नहीं गया.
सरकार बने दो साल से ज़्यादा समय हो चुका है.
केंद्र सरकार और अन्य मद से मिली राशि का ऑडिट करवाये सरकार
राज्य सरकार में अगर हिम्मत है तो स्वास्थ्य विभाग में केंद्र सरकार और अन्य मदों से मिली राशि के ऑडिट करवाया जाए और राज्य सरकार जनता के सामने सार्वजनिक करे कि विभाग ने किन बिंदुओं पर कैसे पैसे खर्च किया गया है. सस्ती बयानबाज़ी छोड़ विभागीय मंत्री को युद्ध स्तर पर व्यवस्था सुधारने की कोशिश करनी चाहिए.
रिपोर्ट- मदन