पाँच लाख खर्च लोगों को दी पुलिया की सौगात
मधुबनी:
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बिहार के मधुबनी जिला के कलुआही थाना क्षेत्र के नरार निवासी स्व. महादेव झा के निधन पर उनके पुत्रों ने गाँव के डोकरा नदी पर पुलिया का निर्माण कर लोगों को एक सौगात दी है.
स्व. महादेव झा की पत्नी महेश्वरी देवी बताती हैं कि इसके लिये उनके पति ने पंचायत के मुखिया को कई बार कहा, पर किसी ने उनकी बातों को तरजीह नहीं दिया.
मरते समय अपनी पत्नी व बच्चों को डोकरा नदी पर पुलिया बना देने की इच्छा जतायी, जिसे उनके पुत्रों ने पूरा भी किया.
दिवंगत पिता की याद में डोकरा धार (नदी) पर बनायी पुलिया.
स्व. महादेव झा के पुत्र नरार पछवारी टोला वार्ड नंबर 2 निवासी पूर्व उपसरपंच विजय प्रकाश झा उर्फ सुधीर झा बताते हैं कि उनके पिता 2019 में बरसात के बाद बगीचा और खेत देखने जा रहे थे.
पुल नहीं होने के कारण वह डोकरा नदी के कीचड़ से भरे पानी में फिसल कर गिर पड़े, जिससे काफी चोटें आई थी.
वहाँ से घर आने के बाद महादेव झा ने बेटों को बुला कर संकल्पित कराया की मौत के बाद भोज के पीछे पैसे खर्च करने से मना किया.
कहा कि उस भोज के पैसों से लोगो के लिए डोकरा नदी पर एक पुल तैयार करा देना. जिस से लोगों को आवागमन में हो रही कठिनाई से निजात मिल सके.
उनके बेटों ने पिता की इच्छा व आदेश का पालन करते हुए उनके मृत्यु के बाद श्राद्ध भोज और कर्मकांड में कटौती करते हुए आंशिक खर्च किया और बचे हुए रुपये से गाँव वालो के लिए आरसीसी पुल बनवा
दिया. .
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आरसीसी पुल बनाने में आया करीब पाँच लाख रुपये का खर्च.
हालांकि कोरोना के कारण पुलिया के निर्माण में दो साल का विलंब हुआ. पर आज यह पुल तैयार है.
लोग आवाजाही कर काफी सहूलियत के साथ साथ खुशी महसूस कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार 72 वर्ष की उम्र में 16 मई 2020 को महादेव झा का निधन हो गया था.
यह दौर कोरोना काल का था.
जिस कारण निधन के तत्काल बाद पुलिया का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका.
विजय प्रकाश झा ने 5 लाख रुपये खर्च करके पुलिया को पिता महादेव झा की याद में उनके नाम का बोर्ड लगा गाँव वालों को समर्पित कर दिया है.
इस पुलिया के बन जाने से आस पास के करीब 2000 लोगों को आवाजाही में सहूलियत हो गयी है.
एक भाई किराना व्यवसायी तो दूसरा है इंजीनियर.
नरार पछवारी टोला वार्ड नंबर 2 निवासी पूर्व उपसरपंच विजय प्रकाश झा ने दिवंगत पिता स्व० महादेव झा की याद में पुलिया बना कर समाज को समर्पित कर मिसाल कायम की है.
प्रकाश झा खुद गाँव में ही खेतीबारी करते हैं और एक किराना की दुकान चला रहे हैं.
जबकि इनका छोटा भाइ संतोष झा बैंगलोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं.
महादेव झा की दोनो पुत्री अपने अपने ससुराल में खुशी पूर्वक समय व्यतीत कर रही हैं.
बता दें कि उनके पिता स्व. महादेव झा अरुणाचल प्रदेश में सेकेंडरी स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद से अवकाश प्राप्त कर वर्ष 2000 से गाँव में ही रह रहे थे.
ग्रामीण मिश्री राम, गंगाई मंडल, गणेश झा, सरोज झा, राजू सिंह, हीरा सिंह, वीरू सिंह अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि भूतपूर्व सरपंच विजय प्रकाश झा ने अपने निजी स्तर से करीब 5 लाख का पूल बनाकर
समाज को समर्पित किया है.
जिसने समाज में मिसाल कायम करते हुए एक अच्छा संदेश देने का काम कियाा है.