प्रयागराज। महाकुंभ कल से : बूंदाबांदी के बीच 25 लाख ने आज ही संगम ने लगाई डुबकी। महाकुंभ 2025 का विधिवत शुभारंभ सोमवार 13 जनवरी को होना निर्धारित है लेकिन उससे पहले ही तीर्थराज कहे जाने वाले प्रयागराज में संगम तट पर बने महाकुंभनगर पहुंचे श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों ने रविवार दोपहर के बाद भी संगम में डुबकी लगाने का क्रम जारी रखा।
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संगम में रविवार सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगाते देखे गए। यूपी के सूचना विभाग की ओर से बताया गया कि रविवार को करीब 25 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।
अचानक से बदलाे मौसमी मिजाज से परेशान हुए महाकुंभ पहुंचे श्रद्धालु
रविवार को मौसम ने अचानक करवट ले ली। दोपहर करीब 12 बजे बूंदा बांदी के बाद तेज हवाएं चलने से गलन और ठिठुरन बढ़ गई। महाकुंभ मेले में आए कल्पवासियों को तेज हवा चलने और बूंदाबादी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ा। मौसम में बदलाव के बावजूद कल्पवासियों के आने का क्रम लगातार जारी है बूंदाबांदी के चलते खुले में दुकान लगाने वालों की फजीहत हुई।
दो दिन अच्छी धूप खिलने के बाद रविवार को मौसम ने अचानक में अचानक बदलाव आ गया। सुबह से ही तेज हवाएं चलने लगीं। दोपहर 12 बजे के बाद बारिश शुरू हो गई। इससे कल्पवासियों के साथ ही मेले में आए श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतें हुईं।
बारिश के चलते जाम की स्थिति बनी रही। लोग छाता और पाॅलीथिन ओढ़कर मेला क्षेत्र में जाते नजर आए। । रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित अपने निजी साधनों से लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं। जगह-जगह पर अलाव की व्यवस्था की गई है।

महाकुंभ के दौरान 4 दिन संगम स्टेशन पर यात्रियों के प्रवेश पर लगी पाबंदी
महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा को लेकर शहर के रेलवे स्टेशनों पर रविवार से ही कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। दारागंज स्थित प्रयागराज संगम स्टेशन पर रविवार से जारी पाबंदी के तहत 15 जनवरी तक यात्रियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यहां से चलने वाली ट्रेनों में बैठने के लिए प्रयाग स्टेशन जाना होगा।
इसके अलावा प्रयागराज जंक्शन पर भी सिर्फ सिटी साइड से एंट्री दी जा रही है जबकि, यहां ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों की निकासी सिविल लाइंस साइड से हो रही है। प्रयागराज जंक्शन की तरह ही प्रयागराज छिवकी, नैनी जंक्शन, प्रयाग जंक्शन, फाफामऊ और सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन पर भी रविवार से यात्रियों को एक ओर से प्रवेश दिया जा रहा है।

यहां ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों की निकासी संबंधित स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार से होना तय किया गया है। यह पहला मौका है, जब प्रयागराज जंक्शन के अलावा शहर के सभी स्टेशनों पर आने व जाने का रास्ता अलग-अलग किया जा रहा है ताकि, किसी भी स्टेशन पर यात्रियों का क्रास मूवमेंट न हो। इस दौरान स्टेशनों पर बनाए गए यात्री आश्रयस्थल से ही यात्रियों को प्रवेश दिया जाएगा।

प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी एवं नैनी स्टेशन पर रंगों के आधार पर यात्रियों का वेटिंग रूम
इसी क्रम में कुछ खास व्यवस्था भी महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज के चुनिंदा रेलवे स्टेशनों पर तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशनों की बात करें तो प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी एवं नैनी स्टेशन पर अलग-अलग दिशाओं में जाने वाले यात्रियों के लिए कलर थीम पर आश्रयस्थल (रंगों के आधार पर वेटिंग रूम) बनाए गए हैं।

उन्हीं के माध्यम से स्टेशनों पर यात्रियों को प्रवेश दिया जाना शुरू किया गया। खास बात यह है कि जिस रंग का यात्री आश्रयस्थल रहेगा, उसी रंग के टिकट भी यात्रियों को दिए जाएंगे। उदाहरण के लिए अगर किसी को प्रयागराज जंक्शन से कानपुर की ओर जाना है तो उसे हरे रंग के यात्री आश्रयस्थल संख्या चार में प्रवेश करना होगा। वहां से मिलने वाला जनरल टिकट भी हरे रंग की पट्टी का होगा। संबंधित प्लेटफॉर्म तक जाने वाले मार्ग में लगे संकेतक भी हरे रंग के ही होंगे।