Maharaj Ji In Action : योगी कैबिनेट ने नई तबादला नीति समेत 41 प्रस्तावों को दी मंजूरी, 30 जून तक होंगे तबादले

को ‘महाराज जी’ यानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी गई है। बैठक में कुल 42 प्रस्ताव रखे गए जिनमें से 41 को मंजूरी दे दी गई है।

लखनऊ : Maharaj Ji In Action योगी कैबिनेट ने नई तबादला नीति समेत 41 प्रस्तावों को दी मंजूरी, 30 जून तक होंगे तबादले। यूपी सरकार, ब्यूरोक्रेसी और भाजपा संगठन में ‘महाराज जी’ के नाम से पुकारे जाने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ केंद्र में लगातार तीसरी बार पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद ताबड़तोड़ एक्शन वाले मुद्रा में हैं। मंगलवार को ‘महाराज जी’  यानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी गई है। बैठक में कुल 42 प्रस्ताव रखे गए जिनमें से 41 को मंजूरी दे दी गई है।

जिले में 3 साल पूरा कर चुके अधिकारियों का होगा तबादला

सरकारी तौर पर इस बारे में बताया गया कि नई स्थानांतरण नीति के तहत समूह क और ख के उन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिन्होंने जनपद में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। वहीं समूह ग और घ में सबसे पुराने अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाएगा। समूह क और ख के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए अधिकतम 20 प्रतिशत तो वहीं समूह ग और घ के लिए अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा रखी गई है। इस स्थानांतरण नीति के तहत सभी स्थानांतरण आगामी 30 जून तक किए जाने हैं।

सीमा से अधिक स्थानांतरण के लिए मंजूरी लेना हुआ अनिवार्य

कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्तावों के बारे में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मंजूर हुई स्थानांतरण नीति 2024-25 में पिछले वर्ष की नीति के प्राविधानों का अनुसरण किया गया है। इसके तहत समूह क और ख के वो अधिकारी जिन्होंने अपने सेवाकाल में मंडल में 7 वर्ष और जनपद में 3 वर्ष पूरे कर लिए हों वो स्थानांतरण नीति के अंतर्गत आएंगे। इसके साथ ही समूह क और ख में स्थानांतरण संवर्ग वार अधिकारियों की संख्या अधिकतम 20 प्रतिशत होगी और समूह ग और घ के लिए अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत रखी गई है। समूह ग और घ के लिए जो व्यवस्था की गई है उसके अनुसार सबसे पुराने अधिकारियों का पहले स्थानांतरण किया जाएगा। यदि 10 प्रतिशत से ऊपर स्थानांतरण करना होगा तो इसके लिए मंत्री जी की अनुमति आवश्यक होगी। वहीं, यदि समूह क और ख में 20 प्रतिशत से अधिक स्थानांतरण करने की आवश्यकता होगी तो उसकी अनुमति मुख्यमंत्री जी से लेना आवश्यक होगा।

मानव संपदा के माध्यम से डिजिटलाइज होंगे तबादले

समूह ग और घ में स्थानांतरण को पूरी तरह मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से पूर्ण किया जाएगा। मानव संपदा की जो व्यवस्था शुरू की गई है उसके अंतर्गत स्थानांतरण के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था ऑनलाइन ही की जा सकेगी। इससे अधिकारियों की सर्विस बुक और सैलरी को डिजिटलाइज किया जा सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश के 8 आकांक्षी जिलों और 34 जिलों के 100 आकांक्षी विकासखंडों के लिए पहले से जो व्यवस्था चली आ रही है, उसके अंतर्गत वहां रिक्त पड़े पदों को भरने की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

एक दिन पूर्व रिटायर होने वाले कर्मचारियों को मिलेगा वेतन वृद्धि का लाभ देने का फैसला

यूपी कैबिनेट ने मंगलवार को प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। इसके अनुसार अब 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को 1 जुलाई और 1 जनवरी से प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अभी तक जो व्यवस्था थी उसके अनुसार 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को 1 जुलाई या 1 जनवरी को प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पाता था। हालांकि अब कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ उनकी पेंशन और ग्रेचुयुटी में मिल सकेगा। सुरेश खन्ना ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के बाद ज्यूडिशियल कर्मचारियों को पहले ही इसका लाभ दिया जा चुका है और अब सरकारी कर्मचारी भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे।

बुंदेलखंड, नोएडा और कानपुर के संबंध में अहम फैसले, मिली सौगात

मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में बुंदेलखंड क्षेत्र की 50 में से 26 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इनकी कुल लागत 10858 करोड़ रुपये है। इसमें 1394 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। बैठक में नोएडा को 500 बेड के नए अस्पताल को मंजूरी दी गई है। इसका निर्माण 15 एकड़ भूमि पर किया जाएगा। इसी के साथ आईआईटी कानपुर में मेडिकल रिसर्च के लिए स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नालॉजी बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार हर साल 10 करोड़ रुपये देगी। इस तरह पांच साल में 50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। शेष मदद केंद्र से आएगी।

राज्य विश्वविद्यालयों के नामों से राज्य शब्द हटा, 2 निजी विश्वविद्यायलों को एलओआई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश के 5 विश्वविद्यालयों के नामों में भी मामूली संशोधन किया गया है। इन विश्वविद्यालयों के नाम से राज्य शब्द को हटा दिया गया है। महाराज सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का नाम अब महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ होगा। इसी तरह मां शाकुम्भरी देवी राज्य विश्वविद्यालय सहारनपुर, मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मीरजापुर, मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय बलरामपुर से भी राज्य शब्द को हटाने को मंजूरी दी गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय मुरादाबाद का नाम गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार की ओर जारी बयान में कहा कहा गया कि सीएम योगी उच्च शिक्षा का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि प्रदेश के छात्र अपने ही प्रदेश में उच्च शिक्षा गृहण कर सकें। इसके लिए सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ ही प्राइवेट विश्वविद्यालय को भी प्रमोट किया जा रहा है। इसी क्रम में दो नए निजी विश्वविद्यालयों को लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) देने का प्रस्ताव पारित हुआ है। इसमें एचआरआईटी गाजियाबाद और दूसरा फ्यूचर विश्वविद्यालय बरेली है। इन दोनों ने अपने सभी मानक पूरे कर लिए हैं।

यूपी कैबिनेट ने मंगलवार को प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। इसके अनुसार अब 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को 1 जुलाई और 1 जनवरी से प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकेगा।
लखनऊ में यूपी कैबिनेट की बैठक लेते सीएम योगी

प्रयागराज कुंभ के लिए दिए गए 2500 करोड़ रुपये

मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में आस्था के लिहाज से अहम कुंभ मेला के संबंध में भी अहम फैसला लिया गया। अगले वर्ष प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में तैयारियों के मद्देनजर 2019 की तुलना में वर्ष 2025 में 3200 हेक्टेयर की तुलना में 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार किया गया है। अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर करीब छह करोड़ लोग आएंगे। कुंभ के लिए 2500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है ताकि अभी से ही वृहद स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी जाएं।

आस्था को देखते हुए बदला मुरादाबाद यून‍िवर्स‍िटी का नाम

अब मुरादाबाद का राज्य विश्वविद्यालय गुरु जम्भेश्वर के नाम से जाना जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट ने इसके नाम परिवर्तन पर अपनी मुहर लगा दी। अब यह गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि गुरु जम्भेश्वर के प्रति लोगों की काफी आस्था है। ऐसे में यह निर्णय लिया गया है। पहले भी धार्मिक आस्था को देखते हुए बलरामपुर में मां पाटेश्वरी देवी विश्वविद्यालय और सहारनपुर में मां शाकुंभरी देवी विश्वविद्यालय इत्यादि स्थापित किए जा चुके हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, वर्ष 1973 व उसकी अनुसूची में यथास्थान संशोधन के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश वर्ष 2024 को प्रख्यापित कराए जाने और उसके प्रतिस्थानी विधेयक को पास कराने के लिए आगे राज्य विधानमंडल के समक्ष पास कराने के लिए रखा जाएगा। मान्यता है कि 493 वर्ष पहले जम्भेश्वर भगवान मुरादाबाद के लोदीपुर विशनपुर में राजस्थान से आए थे। यहां इनका भव्य मंदिर है और धाम है। खासकर विश्नोई समाज के लोगों की इनके प्रति विशेष आस्था है।

योगी का बड़ा फैसला- खरीफ सीजन में सर्वाधिक 61.24 लाख हेक्टेयर में होगी धान की खेती

कृषि विभाग ने खरीफ फसल का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। इस वर्ष 102.05 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती की जाएगी और इसके जरिए 244.57 लाख टन उत्पादन के लक्ष्य को साधा जाएगा। बीते वर्ष के सापेक्ष खरीफ के रकबे में 1.67 लाख हेक्टेयर की वृद्धि की गई है जबकि उत्पादन में 13.20 लाख टन की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है। 96.03 लाख हेक्टेयर में खाद्यान्न, 5.92 लाख हेक्टेयर में तिलहन और 10 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती का लक्ष्य इस वर्ष के लिए निर्धारित किया गया है। हर वर्ष की तरह इस बार भी धान की खेती का कवरेज एरिया सबसे अधिक (61.24 लाख हेक्टेयर) होगा लेकिन बीते वर्ष के सापेक्ष इसके रकबे में 0.62 लाख हेक्टेयर की कमी की गई है। कृषि विभाग की मंशा धान की जगह अन्य फसलों को बढ़ावा देने की है। इसे ध्यान में रखते हुए मक्का, बाजरा, उर्द, मंग, अरहर, ज्वार व अन्य श्री अन्न का रकबा इस बार बढ़ाया गया है। तिलहनी फसलों के रकबे में भी वृद्धि की जा रही है। गत वर्ष 100.37 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती की गई थी और प्रदेश में 231.37 लाख टन खाद्यान्न व तिलहन का उत्पादन हुआ था। वहीं, 2022-23 की उपलब्धि 215.36 लाख टन की थी।

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