रांची: झारखंड की लोकसंगीत परंपरा में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। ठेठ नागपुरी लोकगायक महावीर नायक को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है। राजधानी रांची में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार और राष्ट्रपति का आभार जताया। महावीर नायक ने कहा, “यह सरकार का विचार था और मुझे भी यह सम्मान मिला, इसके लिए मैं केंद्र सरकार का शुक्रगुजार हूं कि राष्ट्रपति अवॉर्ड के रूप में पद्मश्री मिल रहा है।”
सिमडेगा में ‘बंसरिया राग के राजा’ के नाम से मशहूर महावीर नायक पिछले पांच दशकों से नागपुरी संगीत को समर्पित हैं। उन्होंने बताया कि गांव के पुराने गायकों से आशीर्वाद और तजुर्बा लेकर ही उन्होंने अपने गायन में निखार लाया। बातचीत के दौरान उन्होंने अपना लोकप्रिय गीत भी गाकर सुनाया — “वैख सुधि दिन एक पाव चढ़ वैख…” जिसे सुनकर माहौल संगीतमय हो गया।
नई पीढ़ी को संदेश देते हुए महावीर नायक ने कहा कि आज के युवाओं को अपनी परंपरा, अपने पुरखों की धरोहर को जानना, सीखना और उस पर अमल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि परंपरागत लोकगीतों को आगे ले जाने के लिए मेहनत और समर्पण जरूरी है।
महावीर नायक झारखंड के उन चुनिंदा लोकगायकों में शामिल हो गए हैं जिन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इससे पहले दो अन्य लोककलाकारों को भी यह प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुका है।