पूर्णिया : मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते कुछ क्षेत्रों में मक्का की फसलों को बीमारी ने चपेट में लेना शुरू कर दिया है। अधिकांश खेतों में लगी पछतिया (लेट) मक्का की फसल पीली पड़ती जा रही है। इससे किसान चिंतित बने हुए हैं। ये शिकायते धमदाहा अनुमंडल क्षेत्र के चारों प्रखंडों क्रमशः धमदाहा, भवानीपुर, रुपौली एवं बीकोठी से आ रही है। खेतों में कड़ी मेहनत के बाद लगी मक्का की फसल के पौधे पीले होने से किसानों में मायूसी दिख रही है। वहीं कृषि विभाग के ओर से अबतक सुधि नहीं लिए जाने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
बताते चलें कि इस बार धान की खेती में घाटा सहे किसानों ने मकई की खेती में रुचि दिखाई है। किसानों ने अपने अधिकांश खेतों में नकदी फसल मकई लगाया है लेकिन अब लेट से बुआई की गई मक्का की खेती पर खतरा मंडरा रहा है। बताया जा रहा है कि अधिकांश मक्का में रोग लग गए हैं। इससे मक्का का पत्ता पिला पड़ता जा रहा है।
खेतों में नमी रहने के चलते फसल प्रभावित
चुकी इस बार बारिश धान के फसल की कटाई के अंत तक हुआ था। जिस वजह से खेतों में नमी काफी दिनों तक रह गई थी और समय से खेत सही तरीके से सुख नहीं पाया था। जिस वजह से खेतों में मक्का की फसल लेट से लगाई गई। अनुमंडल क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने बताया कि इसबार खेतों में नमी बने रहने के चलते मक्का के बंपर पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन फसल को शुरुआत में ही रोग ने घेर लिया है। अचानक से मक्का की फसल प्रभावित होने लगे हैं।
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जिंक, बोरोन और कीटनाशक का करें छिड़काव
इस संबंध में कृषि पदाधिकारी राघव प्रसाद ने बताया कि जिन किसानों के मक्का के पौधे पीले पड़ रहे हैं वो अपने खेतों में जिंक, बोरोन का मिक्सचर करके मक्का के खेतों में छिड़काव करें। इससे पौधों का पीलापन दूर होगा। इसके अलावे जिस मक्का खेत मे पौधे के बढ़ाव नहीं हो रहे हैं व फसल पीली पड़ रही है उस खेत मे कीटनाशक का छिड़काव करें।
अधिकारी ने क्या कहा
किसानों के द्वारा अनुमंडल कृषि कार्यालय में इस तरह की शिकायत नहीं किया गया है। सभी प्रखंडों में कॉर्डिनेटर के माध्यम से इसकी जांच कराई जाएगी। जरूरत पड़ने पर कृषि वैज्ञानिकों से इस संबंध में उचित जानकारी लेकर किसानों को बताया जाएगा। सही देखभाल से फसल को बचाया जा सकता है।
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पूजा मिश्रा की रिपोर्ट