पटना : भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी की तीन दिवसीय बैठक आज से पटना स्थित पार्टी राज्य कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेता का. स्वदेश भट्टाचार्य, अभिजीत मजूमदार, सुचेता डे, मीना तिवारी, प्रतिमा इंग्हपी और एन मूर्ति की अध्यक्षता में शुरू हुई। बैठक में सबसे पहले माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने देश की ताजा राजनीतिक परिस्थिति पर अपना मंतव्य रखा, जिसपर केंद्रीय कमिटी के अन्य सदस्यों ने चर्चा की और उसे समृद्ध बनाया।
बैठक के हवाले से कहा गया है कि मोदी सरकार के खिलाफ जनसमुदाय के विभिन्न हिस्सों की उठती आवाज को दबाने के लिए अब जनपक्षधर-स्वतंत्र पत्रकारों और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफाॅर्मों को निशाना बनाया जा रहा है। ‘गोदी मीडिया’ को पहले से ही नियंत्रित कर चुकी मोदी सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया प्रतिरोध के एक मजबूत प्लेटफाॅर्म के रूप में सामने आया है। मंगलवार को दिल्ली में जिस प्रकार से जनपक्षधर पत्रकारों को निशाना बनाया गया, यह सरकार द्वारा सोशल मीडिया को नियंत्रित करने की जबरदस्त कोशिश है।
आगे कहा गया है कि बिहार ने जाति आधारित सर्वे का काम संपन्न किया है, अब इसे देश के स्तर पर किए जाने की जरूरत है। इससे लोगों की अद्यतन सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाया जा सकता है। बिहार में अब जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट पर अग्रेतर कार्रवाई करने की जरूरत है। भाकपा-माले की मांग है कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वंचित समुदायों के सामाजिक-सांस्कृतिक व आर्थिक सशक्तीकरण की योजनाएं बनाई जाए। दलित-अतिपिछड़े व पिछड़े समुदाय के आरक्षण को तर्कसंगत बनाते हुए उसको विस्तार दिया जाए।
कुमार गौतम की रिपोर्ट