रांची: मांडर विधानसभा सीट इस बार एक दिलचस्प चुनावी मुकाबले की गवाह बनने जा रही है। कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की, जो पूर्व विधायक बंधु तिर्की की बेटी हैं, फिर से चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने बीजेपी के सनी टोप्पो हैं, जबकि जेएलकेएम ने गुना भगत को अपना उम्मीदवार बनाया है।
पिछले चुनावों का आकलन
मांडर में पिछले दो दशकों से बंधु तिर्की का दबदबा रहा है। 2014 में मोदी लहर के दौरान ही बीजेपी ने यहां एक बार जीत हासिल की थी, लेकिन इसके बाद से यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही है। 2019 में शिल्पी नेहा तिर्की ने उपचुनाव में गंगोत्री कुजूर को पराजित किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस की पकड़ यहां मजबूत है।
शिल्पी नेहा तिर्की की चुनौती
शिल्पी नेहा तिर्की ने पिछले दो वर्षों में लोगों के बीच अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है। उनकी शिक्षा और नेतृत्व क्षमता उन्हें एक प्रभावशाली नेता बनाती है। वे अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए स्थानीय मुद्दों पर सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
सनी टोप्पो का मुकाबला
बीजेपी के सनी टोप्पो को इस बार कठिन चुनौती का सामना करना होगा। पिछली बार जब वे कांग्रेस के उम्मीदवार थे, तब उन्हें काफी कम वोट मिले थे। हालांकि, हाल के दिनों में उनकी सक्रियता क्षेत्र में बढ़ी है, और वे युवा नेता के रूप में आक्रामकता से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
मांडर विधानसभा की जंग अब एक बार फिर दिलचस्प मोड़ पर है। अगर सनी टोप्पो इस बार जीत हासिल करते हैं, तो यह बीजेपी के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। वहीं, शिल्पी नेहा तिर्की की स्थिति मजबूत लगती है, खासकर बंधु तिर्की की विरासत और कांग्रेस की पकड़ को देखते हुए।