Ranchi- केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम कानूनी उम्र को 18 साल से बढ़ा कर 21 साल किए जाने पर झारखंड में मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है. इस बीच मंत्री हफिजुल हसन अंसारी ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि अब तो लड़कियों की शादी की उम्र में कमी कर 16 वर्ष कर देनी चाहिए. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने भी खेल मंत्री हाफिजुल अंसारी के बयान का समर्थन किया है.
जबकि विपक्षी दलों की ओर से इस आम रुप से इस विधेयक का समर्थन किया जा रहा है. झरिया विधायक पूर्णिमा सिंह ने कहा है कि बदलते वक्त के साथ महिलाएं भी लड़कियां भी अब अपने पैरों पर खड़ा होकर वैवाहिक जीवन अपनाना चाहती हैं। ऐसे में 21 वर्ष की उम्र सीमा तय होने से उन्हें अपने कैरियर को बनाने में आसानी होगी.
केंद्र सरकार का विवाह की उम्र में एकरुपता लाने का फैसला महिलाओं को सम्मान और सही समय पर जिम्मेदारी देने के उद्देश्य से है. नए युग की लड़कियां केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रही है. फिलहाल केंद्र सरकार के इस फैसले से एक तरफ जहां महिलाओं को आत्मबल मिलेगा वहीं दूसरी तरफ वह अपने पैरों पर खड़े होकर देश के विकास में अग्रणी भूमिका भी निभा सकेंगे. कम उम्र में शादी और कम उम्र में मातृत्व महिलाओं के प्रति महिलाओं की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है, इसमें उनकी शिक्षा, पोषण और आर्थिक रूप से सक्षम होने में रुकावट पैदा होती है, केंद्र सरकार ने इसे बड़े अवरोध को दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाया हुए बेटियों की शादी का उम्र पर 18 से बढ़ाकर लड़को के बराबर 21 साल करने का फैसला लिया है, इस कदम से जहां महिलाओं की प्रगति के साथ-साथ शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकता है, वही संविधान के नीति निर्देशक तत्वो की भावना को लिहाज से लिंग भेद को भी दूर करेगा.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बाल विवाह निषेध संशोधन विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है. इसे इस सत्र में सदन में पेश किया जा सकता है. अभी कानून में तय बेटियां की शादी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है. जबकि लड़कों की शादी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है. इस खबर से बेटियों के चेहरे पर काफी खुशी देखने को मिल रही है. अब मां बाप को बेटियों के लिए 21 साल उम्र होने तक का इंतजार करना पड़ेगा. उसके बाद ही वह बेटियों की शादी कर पाएंगे.
रिपोर्ट- अनिल/ प्रतीक