लखनऊ : मायावती ने भतीजे पर एक्शन के बाद भाई को नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटाया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद पर एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से निकालने के बाद अब उनके पिता यानि अपने भाई आनंद कुमार को भी नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटा दिया है।
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भाई आनंद कुमार की जगह रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है।
नए एक्शन पर आया मायवती का बयान…
अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर बयान जारी कर इस एक्शन के बाबत मायावती ने कहा कि – ‘…काफी लम्बे समय से निस्वार्थ सेवा व समर्पण के साथ कार्यरत बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनन्द कुमार, जिन्हें अभी हाल ही में नेशनल कोआर्डिनेटर भी बनाया गया था, उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित के मद्देनजर एक पद पर रहकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका स्वागत है।
…ऐसे में आनन्द कुमार पहले की ही तरह बसपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए सीधे मेरे दिशा-निर्देशन में पूर्ववत अपनी जिम्मेदारियों को निभाते रहेंगे और अब उनकी जगह यूपी के जिला सहारनपुर निवासी रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोआर्डिनेटर की नई जिम्मेदारी दी गयी है।
…इस प्रकार, अब रामजी गौतम, राज्यसभा सांसद रणधीर बेनीवाल ये दोनों बसपा नेशनल कोआर्डिनेटर के रूप में सीधे तौर पर मेरे दिशा-निर्देशन में देश के विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारियों को संभालेंगे। पार्टी को उम्मीद है कि ये लोग पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ कार्य करेंगे।’

केवल 72 घंटे में ही मायावती ने बदला अपना फैसला…
बता दें कि बसपा सुप्रीमो एवं यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बीते रविवार को ही अपने भाई आनंद कुमार को नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया था।
उस दौरान उन्होंने कहा था कि वे पार्टी के लिए बेहतर काम करेंगे। उसके महज 3 दिन यानी कि 72 घंटों के भीतर बीएसपी सुप्रीमो ने अपना फैसला पलट दिया है।
ऐसे में कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। मायावती इन दिनों अपने फैसलों के कारण सुर्खियों में बनी हुई हैं।

भतीजे आनंद को पहले पद से और पार्टी से ही बाहर का दिखाया रास्ता
मायावती ने एक दिन पहले ही अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाल दिया था। इसके पहले रविवार को उन्होंने आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। इसके बाद आकाश ने सोमवार को उनके फैसले पर प्रतिक्रिया दी थी।
उससे नाराज होकर मायावती ने उन्हें बसपा से निष्कासित करने का फैसला लिया। मायावती ने कहा था कि आकाश को पार्टी के हित में ज्यादा बसपा से निकाले गए अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में रहने के कारण सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर किया गया था।
उन्हें इसका पश्चाताप कर परिपक्वता दिखानी थी। इसके उलट फैसले पर आकाश की प्रतिक्रिया उनके ससुर के प्रभाव वाली स्वार्थी व अहंकारी बयानबाजी है।