डिजीटल डेस्क : UP में मंत्री का फरमान – अब DM-SP को विधायकों को ‘जी सर’ और भाजपा पदाधिकारियों को ‘जी भाईसाहब’ कहना पड़ेगा। रविवार की सुबह से यूपी के एक मंत्री का नया फरमान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है।
वायरल हो रहे वीडियो में यूपी के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे हैं। उसी क्रम में उद्यान मंत्री अपने भाषण के रौ में जारी होने वाले नए फरमान का जिक्र बड़े ही रौब वाले अंदाज में करते भी दिख रहे हैं।
उद्यान मंत्री ने कहा कि – विधायकों का फोन उठाने पर अब DM और SP को ‘जी सर’ कहकर संबोधित करना होगा।
‘विधायक को सर कहना डीएम की जिम्मेदारी भी है और प्रोटोकाल भी’
इसी क्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं को संगठन से जुड़े जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों का जिले के सरकारी अधिकारियों के यहां सम्मान का माहौल बनाने की बात उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने की।
मंत्री दिनेश प्रताप ने कहा कि – ‘भाइयों, हमारे विधायक, माननीय सांसद का नंबर किसी भी फोन पर हो सकता है। वैसे मैं अभी उम्मीद करता हूं कि सारे जिला स्तरीय अधिकारियों के फोन पर हमारे माननीय विधायकों का नंबर सेव नहीं होगा।
मेरी कोशिश होगी कि एक भी विधायक का फोन नंबर जिले के जितने भी एचओडीज (विभागाध्यक्ष) हैं जो डिपार्टमेंटल हेड होते हैं, उनके सभी पर हमारे विधायकों के नंबर सेव हो।
और जब विधायक फोन करेगा तो उनको कहना पड़ेगा कि जी सर..क्योंकि कि वह संवैधानिक पद पर हैं। विधायक को सर कहना जिलाधिकारी की जिम्मेदारी भी है और प्रोटोकाल भी है। इसका निर्वहन कराउंगा’।
‘भाजपा मंडल पदाधिकारियों को मोदी जी भाई साहब कहते हैं तो अधिकारी क्यों नहीं कहेंगे’
उद्यान मंत्री यहीं नहीं थमे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संगठन में उनके ओहदे की सामाजिक गरिमा के बारे में भी समझाया।
इसी क्रम में उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि – ‘…और हमारे मंडल के पदाधिकारियों का जिले के पदाधिकारियों को ‘जी भाई साहब’ कहने की परंपरा डालने का प्रयास मैं करूंगा। और ये मैं कोई बहुत ज्यादा नहीं कर रहा हूं।
जब हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी हमारे मंडल अध्यक्ष को ‘जी भाई साहब’ कहते हैं तो कलेक्टर आपको क्यों ‘जी भाई साहब’ नहीं बोलेगा। हमारा प्रयास है कि आपका सम्मान बढ़े। मंडल अध्यक्ष के अंडर में दो थाने होंगे। तहसील होगी, तहसीलदार होगा, एसडीएम होगा, थाने होंगे। इनके सबके नंबर पर हर हालत मेरे मंडल अध्यक्ष का नंबर सेव होगा। हमारे संगठन के जिला के हर पदाधिकारी का – उपाध्यक्ष महामंत्री तक का हर हालत में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम्स, एडीएम्स – इनके सबके नंबर पर पूरे जिले के संगठन के पदाधिकारियों का पोन नंबर सेव होगा। अगर एडीएम को फोन हमारा उपाध्यक्ष करेगा तो उनको ‘जी भाई साहब’ कहना पड़ेगा’।