Dumka-दुमका पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर सवालों के घेरे में है. मकान मालिक द्वारा मारपीट की शिकायत लेकर थाना पहुंची एक आदिवासी युवती के साथ पुलिस ने हैरतअंगेज कारनामा कर दिया, पुलिस ने मामले में प्राथमिकी नहीं दर्ज कर पीड़िता को समझौता करने पर विवश करने की कोशिश की. उपायुक्त के हस्तक्षेप के बाद भी युवती को महज एक प्राथमिकी के लिए महीनों भटकना पड़ा. आखिरकार आदिवासी युवती का इंसाफ की इस जंग में खुद झामुमो विधायक लोबन हेंब्रम को कूदना पड़ा.
बताया जा रहा है कि गोपीकंदर निवासी एलिजाबेथ सोरेन दुमका के राखाबानी मुहल्ले में मोहन प्रसाद सिंह के मकान में पांच महीने से किराये पर रही थी.वह एन कॉलेज में पढ़ाई के साथ ही जीविकोपार्जन के लिए रॉयल मजस्टिस में काम भी करती है. इसके साथ ही दूसरे घरों में झाड़ू-बर्तन भी लगाती है.
एलिजाबेथ सोरेन का आरोप है कि मकान मालिक द्वारा उससे 50 हजार रुपये एडवान्स की मांग की गई थी, नहीं देने पर मकान मालिक मोहन प्रसाद सिंह और उसकी पत्नी ने बेरहमी के साथ मार पीट की. इस मार पीट में वह बेहोश हो गई, जब तक युवती को होश आया मकान मालिक घर छोड़ कर भाग चुका था, किसी तरह युवती खुद ही अस्पताल पहुंची और अपना जांच करवाया. मारपीट के कारण उसके चेहरे कई कट के निशान थें.
बाद में चिकित्सकों की रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज के साथ वह थाना पहुंची. लेकिन थाना द्वारा जबरन समझौता करवाने की कोशिश की गई. इसकी शिकायत एसटीएससी थाने में भी की गई. लेकिन वहां भी थाना प्रभारी ने पीड़िता का साथ नहीं किया. आखिरकार इस मामले की शिकायत उपायुक्त रविशंकर शुक्ला से की गई. वहां से पीड़िता को इंसाफ का आश्वासन तो जरुर मिला. लेकिन महीनों गुजरने के बाद भी कोई कार्रवाई तो दूर एक प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई.
युवती एलिजाबेथ सोरेन उम्मीद की आखिरी किरण के साथ वह विधायक लोबिन हेम्ब्रम के पास पहुंची. लोबिन हेंब्रम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार और एसडीपीओ नूर मुस्तफा को फोन लगाया. लोबिन हेंब्रम ने अधिकारियों से पूछा कि एक अदद प्राथमिकी दर्ज करवाने में उप राजधानी दूमका की यह स्थिति है तब दूसरे जगहों की क्या हालत होगी. आप सिर्फ इसका जवाब दें. अधिकारियों ने लोबिन हेंब्रम को भी टरकाने की कोशिश की और कहा प्राथमिकी दर्ज कर ली जाएगी. लेकिन विधायक लोबिन हेंब्रम का तो एक ही सवाल था जब आवेदन एक माह पहले दिया गया है तब प्राथमिकी अब तक दर्ज क्यों नहीं की गई. जवाब तो इस बात का चाहिए.
बात यही नहीं रुकी लोबिन हेंब्रम ने कह दिया जब तक प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक वह खुद भी धरने पर बैठेंगे. विधायक की इस धमकी से अधिकारियों को सांप सूंध गया. खबर लिखे जाने तक दुमका एसपी अम्बर लकड़ा थाना पहुंच कर विधायक को समझाने की कोशिश की जा रही है. नगर थाना पुलिस ने मकान मालिक मोहन प्रसाद सिंह में ले लिया है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है. लेकिन विधायक का तो बस एक ही सवाल है एक माह तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई, अधिकारी इसका जवाब दें.
रिपोर्ट- विजय तिवारी