पटना: शिक्षा विभाग ने प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग के अंतर्गत दिसंबर माह के मासिक उन्मुखीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को PBL की मूल अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझने और उसे कक्षाओं में प्रभावी रूप से लागू करने में सहायता प्रदान करना है। कार्यक्रम की शुरुआत एससीईआरटी की संयुक्त निदेशक डॉ रश्मि प्रभा ने किया। उन्होंने PBL के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह शिक्षण पद्धति छात्रों के भीतर समस्याओं को सुलझाने की योग्यता विकसित करती है और उन्हें वास्तविक जीवन की चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए प्रेरित करती है।
दिसंबर माह के उन्मुखीकरण कार्यक्रम में इन प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई:
PBL प्रोजेक्ट्स की अवधारणा और छात्रों को सक्रिय रूप से शामिल करने के तरीकों पर विचार। नवबालिका विद्यालय, गया, कक्षा 8 की एक छात्रा, स्वेता गुप्ता ने अपने अम्ल वर्षा नामक प्रोजेक्ट पर अनुभव साझा किए।
इस दौरान लखीसराय की शिक्षिका मोनी कुमारी से माइक्रो इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट (MIP-6) के तहत कक्षा 6, 7 और 8 के विज्ञान और गणित विषयों के लिए परियोजनाओं की रूपरेखा पर चर्चा की। शिक्षकों को दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए MIP प्रक्रिया को पूरी करने और 28 दिसंबर को आयोजित होने वाले PTM के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए प्रेरित किया गया।
राज्य के विभिन्न जिलों से ऑनलाइन शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर वैशाली के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राजन कुमारी गिरी ने कहा कि PBL न केवल छात्रों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाता है, बल्कि यह शिक्षकों को नवाचारशील शिक्षण तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
https://www.youtube.com/@22scopebihar/videos
यह भी पढ़ें- Land Survey में अब लोगों को नहीं होगी परेशानी, विभाग ने कैथी लिपि की समस्या ऐसे होगी दूर…
Project Based Learning Project Based Learning Project Based Learning Project Based Learning
Project Based Learning
Highlights