Bokaro-आम नागरिकों की सुरक्षा और अपराध पर अंकुश लगाने के लिए बोकारो और चास के शहरी इलाकों के अति संवेदनशील स्थानों पर लगाये गए अधिकांश सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं. इस प्रकार तीसरी आंख के सहारे शहर को अपराध मुक्त बनाने का सपना जमींदोज होता नजर आ रहा है. पूरे ताप झाम के साथ लगाया गया यह तीसरी आंख अब सिर्फ बालीडीह में काम रही है.
यहां यह भी बता दें कि पूरे शहर में करीबन 350 सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन यह योजना भी अपने अंजाम तक नहीं पहुंचा. कई कम्पनियों ने सीएसआर मद से सीसीटीवी लगाने पर सहमति जताई थी. लेकिन, किसी न किसी अवरोध के कारण यह पूरा नहीं हो सका. कई बार अपराध के बाद सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की अहमियत काफी बढ़ जाती है और अपराधियों तक पहुंचने का रास्ता आसान हो जाता है.
अभी हाल ही में धनबाद, जज उत्तम आनन्द हत्याकांड में राज्यवासियों को इसकी अहमियत की जानकारी मिली. तीसरी आंख ने पुलिस को राह दिखलाई. अपराधियों तक पहुंचने में का रास्ता आसान हुआ. अभी हाल में बालीडीह में 29 कैमरे लगाए गए हैं. जिसके राजमार्ग पर निगरानी की जाती है. पेटरवार में भी सीसीटीवी से बाजार की निगरानी की जा रही है. स्थानीय निवासियों की माने तो इससे एक हद तक अपराध की घटनाओं पर अंकुश भी लगा है.
पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार झा का कहना है कि माराफारी और बालीडीह में कैमरे लगाए गए हैं. लेकिन अभी सिटी में नहीं लगा है. इसके प्रयास किए जा रहे हैं.
रिपोर्ट- चुमन