पटना : बिहार यातायात पुलिस विभाग और इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट के बीच एमओयू हुआ। पटना समेत बिहार के पाँच बड़े सड़को की यातायात व्यवस्था का सर्वे इंस्टिट्यूट ऑफ़ रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट करेगी। दुर्घटना में मौत का आंकड़ा सिक्किम के बाद बिहार का दूसरा नंबर है। एडीजी यातायात सुधांशु कुमार ने जानकारी दी।
बिहार में यातायात दुर्घटना को रोकने के लिए यातायात प्रबंधन करने का निर्णय लिया गया। पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया और बिहारशरीफ के 500 किलोमीटर के सड़क पर विशेष यातायात प्रबंधन को पहले चरण में फोकस किया गया। बिहार के सड़कों पर दुर्घटना कम हो इसको लेकर यातायात प्रबंधन को लेकर इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक के द्वारा अध्ययन कर कार्य की जाएगी।
बिहार में सड़क दुर्घटना से लोगों की मौत का आंकड़ा बहुत ही ज्यादा है। बिहार राज्य साइंटिफिक तरीके से ट्रैफिक प्रबंधन करने जा रहा है। बिहार में दुर्घटना का दर इतना ज्यादा क्यों है। आईआरटीई सस्था इसको लेकर जांच कर बचाओ का निष्कर्ष निकलेंगे। आईआरटीई संस्था कई राज्यों को ट्रैफिक प्रबंधन पर विशेष सलाह देने का काम किया है। दो महीने में रिपोर्ट ईट राज्य सरकार यातायात प्रबंधन विभाग को देगी। देश में मिजोरम में सबसे ज्यादा दुर्घटना होती है दूसरे नंबर पर बिहार का स्थान है।दुर्घटना में मृत्यु सिक्किम में पहला स्थान है तो उसके बाद बिहार का स्थान दूसरा है।
चंदन कुमार तिवारी की रिपोर्ट