आरा : आरा से सीपीआई माले के सांसद सुदामा प्रसाद ने रेलवे द्वारा मिले महंगे गिफ्ट जैसे सोना-चांदी को लौटा दिया है। गिफ्ट में जैसे ही सोना-चांदी मिला तो वे देखकर फायर हो गए। इस संबंध में सांसद ने रेलवे की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरपर्सन सीएम रमेश को बीते दो नवंबर को पत्र लिखा है। अब जाकर यह मामला सामने आया है।
सांसद सुदामा प्रसाद को रेलवे संबंधी स्थायी समिति सदस्यों की बेंगलुरु तिरुपति से हैदराबाद तक की अध्ययन यात्रा के दौरान उन्हें उपहार में एक ग्राम सोने का सिक्का और 100 ग्राम चांदी का ब्लॉक दिया गया था। यह यात्रा 31 अक्टूबर से सात नवंबर 2024 के बीच हुई थी। पत्र लिखकर सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा है कि संसद सदस्यों और मेहमानों को फूल, शॉल, पेंटिंग और कुछ यादगार चीजें आम तौर पर उपहार के रूप में दी जाती है। महंगे गिफ्ट को उन्होंने अनैतिक बताया।
सांसद ने कहा कि आरआईटीईएस और रेल विकास निगम लिमिटेड की ओर से दिए गए उपहारों से मुझे दुख हुआ है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि आरआईटीईएस और रेल विकास निगम लिमिटेड के लोग मेरे कमरे में आए और दो बैग में यादगार चीजें भेंट की। मैं दिन भर के काम से थका हुआ था, इसलिए मैंने तुरंत नहीं देखा कि मुझे क्या दिया गया था। बाद में पता चला कि एक ग्राम सोने का सिक्का और 100 ग्राम चांदी का टुकड़ा दिया गया है, मैं हैरान रह गया।
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सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि ऐसे समय में जब यात्री रेलवे सुरक्षा, बढ़ते किराए, सुविधाओं की कमी और भारतीय रेलवे की ओर से अपमानजनक व्यवहार जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। स्थाई समिति के सदस्यों को दिए गए ऐसे उपहार न केवल अनैतिक हैं, बल्कि आम जनता से संबंधित मुद्दों को उठाने से सांसदों को चुप कराने के लिए भ्रष्टाचार की सीमा तक है। रेलवे स्टेशनों पर सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं दिया जाता। उन्हें अनुबंध पर काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। ठेकेदारों के हाथों उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि हम जनप्रतिनिधि हैं और हमारा कर्तव्य है कि हम सख्त सार्वजनिक नैतिकता और आचार संहिता का पालन करें। मैं समिति के सदस्यों के सामने मुझे उपहार के रूप में दिया गया सोना और चांदी लौटाना चाहता हूं। एक सांसद के साथ इस तरह के व्यवहार के लिए अपना असंतोष और गुस्सा व्यक्त करना चाहता हूं।
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नेहा गुप्ता की रिपोर्ट