पटना : नगर निकाय चुनाव जब से स्थगित हुआ है तब से राजनीतिक बयानबाजी जारी है.
अब पूर्व उपमुख्यमंत्री सह बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने नगर निकाय चुनाव को लेकर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि सीएम के कारण चुनाव नहीं हो पाया है.
उनका अतिपिछड़ा विरोधी चेहरा सामने आ गया है.
सुशील मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जब सरकार में आई तब निकाय चुनाव हुआ.
भाजपा के कारण ही आरक्षण मिला. 1978 में कर्पूरी ठाकुर की सरकार में
26 प्रतिशत नौकरियों में आरक्षण मिला. जबकि 2003 में राबड़ी देवी की सरकार ने
ना ईबीसी और ना दलितों को आरक्षण दिया गया. उस दौरान सभी को चुनाव से वंचित कर दिया गया.
सुशील मोदी: आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट जरूरी
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 2007 में एनडीए सरकार ने निकाय चुनाव में 20 प्रतिशत आरक्षण दिया.
2007, 2012, 2017 में सुप्रीम कोर्ट का ट्रिपल टेस्ट का कोई निर्देश नहीं था.
सुप्रीम कोर्ट ने 12 माह पहले इसे निर्गत किया. आरक्षण के लिए राज्य को
ट्रिपल टेस्ट का पालन करना होगा. लेकिन इसके बावजूद नीतीश कुमार नहीं माने.
अति पिछड़ा विरोधी चेहरा आया सामने
सीएम नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाया.
चुनाव के लिए करोड़ों रुपए खर्च किये गये, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिला.
उनके कारण चुनाव स्थगित हुआ. नीतीश कुमार का अति पिछड़ा विरोधी चेहरा सामने आया. उन्हें एमवाई पर भरोसा है लेकिन अतिपिछड़ों पर नहीं है.
सुशील मोदी: नीतीश कुमार दे इस्तीफा
सुशील मोदी ने मांग करते हुए कहा कि अति पिछड़ों को नगर चुनाव में आरक्षण मिले
और जल्द ही निकाय चुनाव करवाया जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसकी जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दे.
वहीं चुनाव प्रचार में खर्च हुए पैसे की भरपाई राज्य सरकार करे.
राज्य सरकार आयोग बनाए या ना बनाए, इससे हमें मतलब नहीं है.
नीतीश कुमार को जहाँ जाना हो जाएं, जो करना है वो करें, लेकिन आरक्षण देकर तत्काल चुनाव कराए.
जरूत पड़े तो आरक्षण कोटा बढ़ाएं. चुनाव प्रचार में लोगों के खर्च हुए करोड़ों का नुकसान हुआ. इस खर्च का राज्य सरकार अपने कोष से वहन करे.
रिपोर्ट: प्रणव राज