इन नेताओं से मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर
नई दिल्ली : उज्बेकिस्तान के समरकंद में SCO सम्मेलन में पीएम मोदी (PM Modi) शामिल होंगे.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) पहुंचने पर
प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अरिपोव, मंत्रियों, समरकंद के गवर्नर समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने
उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. पीएम मोदी आज उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति और शिखर सम्मेलन में
हिस्सा लेने वाले कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक और मुलाकात करेंगे.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ किसी द्विपक्षीय बैठक या मुलाकात और
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ से मिलने पर अभी विदेश मंत्रालय की चुप्पी है.
विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक हूं- मोदी
गुरुवार को दिल्ली से समरकंद (Samarkand) निकलने के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में मैं सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों,
एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और
गहरा बनाने के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक हूं.
मैं समरकंद में राष्ट्रपति मिर्जियोयेव से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं.
मैं 2018 में उनकी भारत यात्रा को याद करता हूं. उन्होंने 2019 में वाइब्रेंट गुजरात समिट में भी
सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया था. इसके अलावा, मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले
कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करूंगा.
मोदी और पुतिन की द्विपक्षीय मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर
समरकंद में आयोजित एससीओ (SCO) सम्मेलन में पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की द्विपक्षीय मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर है. यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के प्रति भारत के रुख से दोनों देशों के संबंध और भी अधिक प्रगाढ़ हो गए है. जब पश्चिमी देश रूस पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगा रहे थे, ऐसे वक्त में भारत ने यूएनएससी में रूस के खिलाफ कई प्रस्तावों पर वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहकर उसकी परोक्ष तौर पर मदद ही की.
SCO सम्मेलन: अगले वर्ष भारत करेगा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता
समरकंद में आयोजित होने जा रहा आज का एससीओ सम्मेलन कई मायनों में खास है. सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति ने मीडिया में पर्याप्त चर्चा को आकर्षित किया है. ऐसे में शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की उपस्थिति भारत द्वारा अगले वर्ष शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता ग्रहण करने की पृष्ठभूमि में समान रूप से प्रासंगिक हो जाती है.
SCO सम्मेलन: साल 2017 में भारत संगठन में हुआ शामिल
साल 1996 में गठित शंघाई फाइव, उज्बेकिस्तान को शामिल करने के साथ 2001 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बन गया. वहीं 2017 में भारत और पाकिस्तान के समूह में प्रवेश करने और 2021 में तेहरान को पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार करने के फैसले के साथ SCO सबसे बड़े बहुपक्षीय संगठनों में से एक बन गया. शिखर सम्मेलन में भारत ने दृढ़ता से क्षेत्रीय सुरक्षा से संबंधित चिंताओं, रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और अवैध नशीली दवाओं के व्यापार आदि पर सहयोग को लेकर आह्वान किया है.