नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति का चुनाव आज है, और नतीजे भी आज ही आ जाएंगे.
एनडीए की तरफ से मैदान में जगदीप धनखड़ खड़े हैं तो विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा पर दांव चला है.
लेकिन राष्ट्रपति चुनाव की तरह इस बार भी ये मुकाबला एकतरफा बनता दिख रहा है.
आंकड़ों के लिहाज से इस रेस में जगदीप धनखड़ काफी आगे चल रहे हैं.
विपक्ष की तरफ से मार्गरेट अल्वा चुनाव जरूर लड़ रही हैं,
लेकिन धनखड़ ने एक मजबूत लीड बना रखी है.
कैसे होता है उप राष्ट्रपति चुनाव, क्या प्रक्रिया?
उप राष्ट्रपति का चुनाव देश के लोकतंत्र में काफी मायने रखता है.
ये पद कितना अहम है, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि
राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति को ही सारी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करना होता है.
वहीं पद के लिहाज से उप राष्ट्रपति प्रधानमंत्री से भी बड़े माने जाते हैं.
ऐसे में जो भी इस पद पर आसीन होता है, कई जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का पालन करना जरूरी रहता है.
आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो उप राष्ट्रपति के चुनाव में
लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डालते हैं. जो सदस्य मनोनीत होते हैं, उन्हें भी वोट डालने का अधिकार रहता है.
ऐसे में वोटों की कुल संख्या 788 रहती है. इसमें लोकसभा के 543 वोट रहते हैं और राज्यसभा के 243. किसी को भी उप राष्ट्रपति का चुनव जीतने के लिए कम से कम 394 वोटों की जरूरत पड़ती है. जो भी इस आंकड़े तक पहुंच जाता है, उसकी जीत सुनिश्चित हो जाती है.
एनडीए उम्मीदवार की क्या है स्थिति
इस चुनाव हर सांसद का एक वोट गिना जाता है. लेकिन खेल ये रहता है कि सांसद को अपनी पसंद के आधार पर प्राथमिकता तय करनी होती है. मतलब जो ज्यादा पंसद वो पहले नंबर पर और जो कम वो दूसरे नंबर पर. अब इसी प्रक्रिया के आधार पर देखें तो एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के खाते में अभी 395 वोट दिख रहे हैं, मतलब जितने की जरूरत है उससे ज्यादा उनके पक्ष में पहले ही जाते दिख रहे हैं. इसी वजह से इस चुनाव में जगदीप धनखड़ की जीत तय मानी जा रही है. वर्तमान में बीजेपी के लोकसभा में 303 सांसद हैं और राज्यसभा में पार्टी के पास 93 सांसद हैं.
विपक्ष में बिखराव, TMC ने बिगाड़ा खेल
अब अभी के लिए तो आंकड़े पूरी तरह मार्गरेट आल्वे के खिलाफ जाते दिख रहे हैं. इस सब के ऊपर अगर क्रॉस वोटिंग हुई तो जगदीप धनखड़ की जीत और ज्यादा बड़ी बन सकती है. ऐसा ही कुछ नजारा राष्ट्रपति चुनाव में दिख चुका है जब द्रौपदी मुर्मू ने एक ऐतिहासित जीत दर्ज की थी. यशवंत सिन्हा के खिलाफ उन्हें एक लैंडस्लाइड विक्ट्री मिली थी.
अब जगदीप धनखड़ भी वहीं प्रयास करने वाले हैं. वैसे कुछ पार्टियों ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का समर्थन भी किया है. इसमें अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, टीआरएस, AIMIM और JMM पार्टी शामिल है. लेकिन विपक्ष का ये समीकरण ममता बनर्जी की वजह से खराब होता दिख रहा है. टीएमसी उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग नहीं करने जा रही है. ऐसे में उसके कुल 36 सांसद वोट नहीं डालेंगे और इतने ही वोट अल्वा को कम मिल सकते हैं.
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