Tuesday, July 1, 2025

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अवैध खनन की जांच के लिए एनजीटी के निर्देश पहुंची टीम

SAHIBGANJ : साहिबगंज में अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए एनजीटी के निर्देश पर उच्चस्तरीय जांच टीम पहुंची. टीम आज साहिबगंज के गदवा पहाड़, मिर्जाचौकी रेलवे साइडिंग, करमटोला रेलवे साइडिंग, सकरी गली रेलवे साइडिंग में जांच कर रही है.

अवैध खनन की जांच के लिए एनजीटी के निर्देश पहुंची टीम
अवैध खनन की जांच के लिए एनजीटी के निर्देश पहुंची टीम

27 फरवरी को एनजीटी की प्रधान बेंच दिल्ली में रिपोर्ट दाखिल करेगी टीम

जांच के बाद उच्च स्तरीय टीम खदान और क्रशर का डाटा तैयार कर 27 फरवरी को एनजीटी की प्रधान बेंच दिल्ली में रिपोर्ट दाखिल करेगी. साहिबगंज के गधुआ पहाड़ मिर्जाचौकी, रेलवे साइडिंग साहिबगंज, रेलवे लोडिंग साइडिंग पहुंचकर टीम जांच कर रही है . एनजीटी के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय टीम राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर से साहिबगंज पहुंची हैं.

उक्त टीम में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मुकेश शर्मा, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर सागनिक डे, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एडिशनल डायरेक्टर नरेंद्र शर्मा, झारखंड स्टेट प्रदूषण बोर्ड के सचिव अबू बकर सिद्दिकी और केंद्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक सहित अन्य शामिल है. टीम के साथ साहिबगंज जिला उपायुक्त रामनिवास यादव जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार मंडरो अंचलाधिकारी नरेश मुंडा जिला वन पदाधिकारी मनीष तिवारी सहित जिले के अन्य अधिकारी मौजूद हैं.

मारी कुटी पहाड़ स्थित स्टार स्टोन वर्क क्रशर प्लांट को किया गया सील


मंडलों अंचलाधिकारी नरेश मुंडा ने दो क्रेशर मारी कुटी पहाड़ स्थित स्टार स्टोन वर्क क्रशर प्लांट को सील किया है. एनजीटी के निर्देश पर राज्य सरकार ने टीम गठित की है उक्त टीम में स्टेट प्रदूषण विभाग स्टेट भूतत्व विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारी शामिल है.

अवैध खनन की जांच के लिए एनजीटी के निर्देश पहुंची टीम
अवैध खनन की जांच के लिए एनजीटी के निर्देश पहुंची टीम


अवैध खनन के खिलाफ 2017 में एनजीटी में दायर हुई थी याचिका


बता दें कि 2017 में एनजीटी में याचिका दायर हुई थी .

साहिबगंज के सामाजिक कार्यकर्ता अरशद नसर ने 2017 में एनजीटी में

याचिका दायर की थी इसकी सुनवाई के सिलसिले में एनजीटी ने

विशेषज्ञों की एक टीम साहिबगंज भेजी थी उन्होंने यहां प्रदूषण की

स्थिति को भी काफी गंभीर पाया था. उर्दू में जांच के क्रम में

यह पता चला था कि साहिबगंज जिले में हो रहे

पत्थर उत्खनन नियमों को ताक में रखकर किया जा रहा है जिस कारण पूरा इलाका दूषित हो चुका है.

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