नियुक्ति में जाति प्रमाण पत्र की शर्तों को ले अभ्यर्थियों को नोटिस: झारखंड

नियुक्ति में जाति प्रमाण पत्र की शर्तों को ले अभ्यर्थियों को नोटिस: झारखंड

रांची: हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय, जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस राजेश शंकर की वृहद पीठ में जेएसएससी और जेपीएससी परीक्षा में जाति प्रमाण पत्र से संबंधित शर्त और नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई।

गुरुवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने वैसे अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है, जिनकी नियुक्ति इस मामले के आदेश से प्रभावित हो सकती है, ताकि वे सभी अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में अपना पक्ष रख सकें। अदालत ने प्रार्थी को इसके लिए अखबारों में आम सूचना जारी करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने इस मामले में चयनित अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल हस्तक्षेप याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। मामले में अगली सुनवाई 27 जून को होगी।

हाई कोर्ट की बृहद पीठ जाति प्रमाणपत्र से संबंधित बिंदुओं निर्धारित फार्मेंट में जाति प्रमाण पत्र, विज्ञापन में दिए गए अंतिम तिथि के बाद जारी जाति प्रमाणपत्र मान्य या अमान्य पर सुनवाई चल रही है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के राम कुमार जाजोरिया के मामले में आदेश भी इसका महत्वपूर्ण बिंदु है।

पूर्व में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने मामले में इन तीन बिंदुओं को निर्धारित करते हुए इसे वृहद पीठ में सुनवाई के लिए भेजा था।

इस संबंध में डा. नूतन इंदवार सहित 43 याचिकाएं हाई कोर्ट में दाखिल की गई हैं। याचिका में कहा गया है कि जेएसएससी या जेपीएससी की परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन की अंतिम तिथि तक जाति प्रमाणपत्र जारी होने की अनिवार्यता सही नहीं है। इसके अलावा जाति प्रमाणपत्र सिर्फ एसडीओ या उपायुक्त के स्तर से ही जारी होने की शर्त लगाना भी गलत है।

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