विनोबा भावे विश्वविद्यालय के 32वें स्थापना दिवस पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ऐसी सीख दी, जिसे उनके पदाधिकारी हमेशा याद रखेंगे

हजारीबागः विनोबा भावे विश्वविद्यालय के 32वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन शामिल हुए. साथ ही कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस दौरान राज्यपाल ने छात्रों को दुनियाभर की सीख देने वाले विनोबा भावे विश्वविद्यालय को आज राज्यपाल ने ऐसी सीख दी, जिसे उनके पदाधिकारी हमेशा याद रखेंगे. 32वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने जब सदर विधायक मनीष जायसवाल पहुंचे तो उनको लेकर कोई व्यवस्था नहीं दिखी. स्थिति को भांपकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने खुद उन्हें सम्मान दिया. दरअसल जब शॉल ओढ़ाकर सम्मान देने की बात हुई, तो राज्यपाल को पहले सम्मानित किया गया. उन्होंने उस शॉल को तुरंत ही मनीष जायसवाल को देकर उन्हें सम्मानित करने की पहल की. साथ ही ये सीख भी दे दी कि जनप्रतिनिधियों को सम्मान देने में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए. राज्यपाल राधाकृष्णन ने झारखंड में विश्वविद्यालयों का स्तर ऊंचा करने पर भी जोर दिया.

राज्यपाल ने बढ़ाया छात्रों का हौसला

कार्यक्रम में छात्राओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस योग्य बनो कि विश्व में अलग पहचान हो. देश के लिए कुछ ऐसा कर जाएं कि भारत का नाम दुनिया के शिखर पर हो. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत बताया. विभावि के विवेकानंद आडिटोरियम में रविवार को उन्होंने कहा कि समर्पण, परिश्रम और अनुशासन से कोई भी काम असंभव नहीं है. जैसे की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को आखिरकार सफलतापूर्वक उतारकर भारत के वैज्ञानिकों ने कामयाबी की कहानी लिख डाली. साथ ही इस अंतरिक्ष अभियान में अन्य राष्ट्रों को पीछे छोड़ विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई.

छात्र मानवता के कल्याण का गुण विकसित करे

राज्यपाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी कोई वैज्ञानिक, डाक्टर या विशेषज्ञ नहीं थे. फिर भी कोविड-19 के दौरान अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और वैज्ञानिकों की हौसलाआफजाई कर न सिर्फ देसी वैक्सीन तैयार करा दी, बल्कि देश में उसे नि:शुल्क हर लोगों का वैक्सीनेशन भी करा दिया. विश्वविद्यालय सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं, विद्यार्थियों में पूरी मानवता के कल्याण का गुण विकसित करने की क्षमता बढ़ाने के लिए स्थापित हुआ है. खुद को कैसे विकसित करें और प्लान बनाकर कुछ सकारात्मक और अलग हटकर काम करें, इस दिशा में प्रयासरत रहें. पूरी साथ ही भूदान आंदोलन के साधक संत विनोबाभावे की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए अपने संबोधन में उनका स्मरण भी किया.

शिक्षकों को किया गया सम्मानित

विभावि के स्थापना दिवस पर आयुक्त सुमन कैथरीन किस्पोट्टा व अन्य अतिथियों ने सत्र 2020-22 के 20 और 2021-23 के 19 पीजी, वर्ष 2022 के साथ वोकेशनल कोर्स के टापरों को सम्मानित किया जाएगा. वहीं 25 शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के साथ सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया.

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