बढ़ते अपराध पर भानु प्रताप शाही ने सरकार को घेरा, कहा- राज्य में सुरक्षित नहीं जज और पत्रकार

रांची : बढ़ते अपराध पर भानु प्रताप शाही ने सरकार को घेरा- झारखंड विधानसभा के

बजट सत्र के 15वें दिन बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने राज्य में बढ़ते अपराध पर हेमंत सरकार को घेरा.

उन्होंने कहा कि इस राज्य में न जज सुरक्षित है न पत्रकार सुरक्षित है.

यहां जज की हत्या होती है, राजभवन के दीवारों पर उग्रवादियों के द्वारा पोस्टर चिपकाया जाता है.

शिबू सोरेन के आवास के सामने गोली मारकर हत्या कर दी जाती है.

वहीं निर्दाेष दुकानदारों के दुकान को बंद करवा दिया जाता है.

झारखंड में पुलिस भी सुरक्षित नहीं हैं. लालजी यादव को मरने के लिए मजबूर कर दिया गया.

इस सरकार में अपराधियों का मनोबल बढ़ा है.

कांग्रेस को खत्म कर रही हेमंत सरकार

उन्होंने कहा कि यहां की सरकार बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के आईडियोलॉजी पर राजनीति कर रहे हैं. जैसे बंगाल में कांग्रेस को खत्म कर दिया वैसे ही यहां भी कांग्रेस को हेमन्त सरकार खत्म कर रही है. राजनीतिक विद्वेष से बीजेपी नेताओं की हत्या की जा रही है. झारखंड में अलग देश की मांग चाईबासा में हो रही है. यहां इसलिए हुआ है क्योंकि सरकार बनते ही पत्थलगढ़ी के मामले वापस लेने के कारण हुआ, और सरकार के कान तक भनक भी नहीं लगी.

इस मामले पर राज्यपाल को अलग रखा जाय – सीएम हेमंत

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि सदन में चर्चा के दौरान राज्यपाल रमेश बैस का बार-बार चर्चा हो रहा है. उनके नाम पर उठाए गए सवालों का जवाब भी दिया जा सकता है. क्योंकि अलग-अलग गुट में बटकर बार-बार ये लोग राज्यपाल के पास जा रहे हैं. लेकिन मेरा विचार है कि राज्यपाल को अलग रखा जाय. इस सदन के कार्यवाही के हिस्से से जब भानू प्रताप शाही राजनीतिक हत्या की बात कर रहे थे, तभी कांग्रेस विधायक नीरज पूर्णिमा सिंह ने कहा कि 2017 में मेरे पति की हत्या की भी बात कीजिये क्योंकि उस समय आपकी सरकार थी.

सभी संवैधानिक संस्था को बना दिया पंगु- प्रदीप यादव

प्रदीप यादव ने कहा कि आज देश मे विषम परिस्थिति है. कोरोना के साथ-साथ सत्ता में बैठकर अपने विरोधियों को सत्ता से हटाने के प्रयास में बीजेपी रहती है, और ये खतरनाक ट्रेंड चला है. पहले मध्यप्रदेश और झारखंड में भी प्रयास किया गया. राज्यपाल के नाम की चर्चा हुई, कितना हाय तौबा हुआ. जितने भी संवैधानिक संस्था है चाहे आरबीआई हो, चुनाव आयोग हो सभी को पंगु बना दिया है. न्यायपालिका को भी इन्होंने नहीं बख्सा, पहली बार हुआ कि मुख्य न्यायाधीश रिटायर्ड होते हैं और राज्यसभा भेज दिए जाते हैं.

रिपोर्ट: मदन सिंह

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