तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने दी जनरल रावत को आखिरी सलामी
नई दिल्ली : सीडीएस जनरल बिपिन रावत अब अंतिम सफर पर हैं. जनरल बिपिन रावत के पार्थिव शरीर को उनके आवास से बरार स्क्वायर श्मशान घाट पहुंची. अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में तिरंगा लेकर लोग भी शामिल हुए. साथ ही 800 सैनिक भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए हैं. सीडीएस बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी दी जाएगी. बिपिन रावत का अंतिम संस्कार शाम 5 बजे होगा.
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भूटान, यूएस एम्बेसी, बांग्लादेश आर्मी के अधिकारी ने किए दर्शन
बिपिन रावत के अंतिम दर्शन के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बरार स्क्वायर श्मशान घाट पहुंचेंगे. इस दौरान उनके साथ अजय भट्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और तीनों सेनाध्यक्ष भी होंगे. अधिकारियों के श्मशान घाट पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है. भूटान के डिप्टी चीफ आफ मिशन भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंच चुकी हैं. यूएस एम्बेसी के अधिकारी भी अंतिम विदाई के लिए पहुंचे हैं. जनरल विक्रम सिंह, बांग्लादेश आर्मी के अधिकारी भी वहां पहुंचे हैं.
तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने दी आखिरी सलामी
सीडीएस बिपिन रावत की अंतिम यात्रा में नागरिकों ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा’ के नारे लगाए. जनरल बिपिन रावत को सेना अध्यक्ष एमएम नरवणे, वायुसेना चीफ वीआर चौधरी और नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर. हरि कुमार ने श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने भी आखिरी सलामी दी.
बता दें कि तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार यानी 8 दिसंबर की दोपहर हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. इस हेलिकॉप्टर में उस वक्त देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी अपनी पत्नी मधुलिका के साथ मौजूद थे. दरअसल बुधवार को सीडीएस, जनरल बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत और अन्य 11 लोगों के साथ नीलगिरि हिल्स के वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने जा रहे थे. इसी दौरान तमिलनाडु के कुन्नूर के पास सैन्य हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें मौजूद 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई.
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