Ranchi– झारखंड में जारी भाषा विवाद के बीच भोजपुरी भाषा-भाषियों की ओर से मॉरिशस की तर्ज पर अलग राज्य की मांग सामने आयी है. भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच को संबोधित करते हुए अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा है कि झारखंड में रहने वाले बिहारियों के लिए मॉरिशस की तर्ज पर अलग राज्य का निर्माण के लिए पूरे झारखंड में आंदोलन की शुरुआत की जाएगी.
कैलाश यादव ने भाषावाद, क्षेत्रवाल के नाम पर विवादित और असंवैधानिक टिप्पणी करने वाले शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि किसी भी कीमत पर स्थानीयता का आधार 1932 का खतियान मंजूर नहीं होगा. भोजपुरी भाषियों ने आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो द्वारा भोजपुरी भाषा भाषियों को भाषाई घुसपैठिया कहने पर मुंहतोड़ जबाव देने की चेतावनी दी.
कैलाश यादव ने दावा किया कि झारखंड में भोजपुरी, मगही, अंगिका और मैथिली बोलने वालों की संख्या 60 फीसद है, जबकि मुसलमानों की संख्या 15 फीसद है, 15 फीसद मुसलमानों में करीबन 10 फीसद द्वारा उर्दू बोली जाती है. इसी तरह उड़िया, बांग्ला बोलने वाले करीबन 6 फीसद है. राज्य के दो तिहाई जिले में भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका भाषियों की संख्या लगभग 50 – 60 फीसदी आबादी है. पलामू, गढ़वा और लातेहार में भोजपुरी भाषा भाषी रांची, जमशेदपुर, मध्य बोकारो, धनबाद, साहेबगंज में मगही भाषी रामगढ़, हजारीबाग, चतरा और कोडरमा में अंगिका भाषा भाषी, गिरिडीह में मगही और अंगिका, गोड्डा, दुमका, देवघर, जामताड़ा और पाकुड़ मैथिली भाषा भाषी रहते है. स्थानीयता के नाम भोजपुरी, मगही, मैथिली अंगिका भाषा भाषियों को टारगेट करना असंवैधानिक है.
कार्यक्रम में अरविंद सिंह अधिवक्ता, लक्ष्मी चंद्र दीक्षित, बबन चौबे, सुबोध ठाकुर, योगेंद्र शर्मा, मनोज मिश्रा, बीएल पासवान, डा.सत्यप्रकाश मिश्रा, सुबोध ठाकुर, रामकुमार यादव, योगेंद्र शर्मा, गुड्डू यादव, राजकिशोर सिंह,सुरेश राय, दिलीप यादव, मुकेश कुमार, विष्णु चौबे, सुनील पांडेय, रामानंद शर्मा, महानंद यादव, चंदेश्वर प्रसाद, जैनेंद्र राय,दिनेश दास, सुरेश शाह, संजय गुप्ता, शंकर महतो, धर्मेंद्र सिंह सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहें.
रिपोर्ट- मदन