जनार्दन सिंह की रिपोर्ट
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प्रयागराज : महाकुंभ 2025 में दूसरे दिन 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी, CM Yogi बोले – …पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें। महाकुंभ 2025 के दूसरे दिन मकर संक्रांति पर मंगलवार को अमृत स्नान-काल में संगम में कुल साढ़े 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं – तीर्थयात्रियोें ने संगम में डुबकी लगाई। इसकी पुष्टि मंगलवार शाम को खुद CM Yogi आदित्यनाथ ने मेला क्षेत्र के व्यवस्थापना तंत्र से मिले फीडबैक के आधार पर की।
इससे पहले महाकुंभ 2025 के दूसरे दिन मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान 13 अखाडों के क्रमवार संगम स्नान के क्रम में मंगलवार सुबह 10 बजे तक आधिकारिक तौर पर 1.38 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने की जानकारी पुष्ट की गई थी।
शाम को महाकुंभ के अमृत स्नान में उमड़़े और लगातार महाकुंभ के लिए आ रहे श्रद्धालुओं – तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए CM Yogi आदित्यनाथ ने एक दिन पुराना नारा फिर दोहराया – ‘…पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें’।
महाकुंभ 2025 के अमृत स्नान पर CM Yogi का बयान…
महाकुंभ 2025 के दूसरे दिन मंगलवार को मकर संक्रांति के मौके पर सुबह सवा 6 बजे से शुरू हुए अमृत स्नान में 13 अखाड़ों के संत समूहों की ओर से संगम में डुबकी का कार्यक्रम पूरा होने एवं उनके सकुशल अपने शिविरों में वापस लौटने की सूचना मिलने के बाद CM Yogi आदित्यनाथ ने मेला व्यवस्थापना का अपडेट लिया। यह अपडेट नियमित पर CM Yogi की ओर से पहले दिन से ही लिया जा रहा एवं समय-समय पर व्यवस्थापना से जुड़े पदाधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए जा रहे हैं।

पहले दो दिनों के कार्यक्रम एवं व्यवस्था पर संतोष जाहिर करते हुए मंगलवार की शाम CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा – ‘…आस्था, समता और एकता के महासमागम ‘महाकुम्भ-2025, प्रयागराज’ में पावन ‘मकर संक्रांति’ के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों व श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन!
….प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों/श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।
…प्रथम अमृत स्नान पर्व के सकुशल संपन्न होने पर सनातन धर्म के आधार सभी पूज्य अखाड़ों, महाकुम्भ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद तथा प्रदेश वासियों को बधाई! …पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें…’।

महाकुंभ में दूसरे दिन भी सभी अखाड़ों – घाटों पर योगी सरकार ने करवाई पुष्पवर्षा…
महाकुम्भ 2025 के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन मंगववार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई। गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए।
…महाकुम्भ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर स्नान पर्वों के मौके पर पुष्प वर्षा को लेकर योगी सरकार के निर्देश पर उद्यान विभाग ने पिछले काफी समय से तैयारी कर रखी थी। इसके लिए गुलाब की पंखुड़ियों की खास तौर पर व्यवस्था की गई थी। महाकुम्भ के सभी स्नान पर्वों पर पुष्प वर्षा कराने की तैयारी की गई है।
बताया जा रहा है कि प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 कुंतल गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश करने की तैयारी है, जिसकी श्रृंखला में पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा स्नान पर सोमवार को श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं गई थीं, जबकि दूसरे दिन यानी मंगलवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान भी पुष्पवर्षा से श्रद्धालु अभिभूत नजर आए।
उद्यान विभाग की ओर से इन दो दिनों के लिए 40 क्विंटल से अधिक मात्रा में गुलाब के फूलों का स्टॉक जमा किया गया था जिन्हें संतो-श्रद्धालुओं पर बरसाया गया।

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21 शृंगार कर महाकुंभ 2025 में नागा संन्यासियों ने अमृत स्नान की लगाई पहली डुबकी….
मंगलवार को महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में अपने इष्ट महादेव की तरह ही नागा साधुओं का शृंगार भी देश भर के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा। दीक्षा की वेशभूषा दिगंबर स्वरूप में ही नागा साधुओं ने अमृत स्नान से पहले तन-मन को 21 शृंगार से सजाया। नख से शिख तक भभूत। जटाजूट की वेणी, आंखों में सूरमा, हाथों में चिमटा, होठों पर सांब सदाशिव का नाम।
त्रिवेणी के तट पर महाकुंभ का पहला अमृत स्नान पुष्य और पुनर्वसु नक्षत्र में आरंभ हुआ। प्रथम पूज्य भगवान गणेश का पूजन करने के बाद नागा साधुओं ने आदियोगी शिव के स्वरूप में खुद को सजाया। भभूत लपेटे, दिगंबर, हाथ में डमरू, त्रिशूल और कमंडल के साथ ही अवधूत की धुन में झूमते हुए नागा त्रिवेणी के तट पर पहले अमृत स्नान के लिए प्रस्थान किया।

फिर साधुओं ने 21 शृंगार के साथ अमृत स्नान की पहली डुबकी लगाई। शरीर पर भस्म लगाने के बाद चंदन, पांव में चांदी के कड़े, पंचकेश यानी जटा को पांच बार घुमाकर सिर में लपेटा, रोली का लेप, अंगूठी, फूलों की माला, हाथों में चिमटा, डमरू, कमंडल, माथे पर तिलक, आंखों में सूरमा, लंगोट, हाथों व पैरों में कड़ा और गले में रुद्राक्ष की माला धारण करने के बाद नागा साधुओं ने प्रस्थान किया।
महानिर्वाणी अखाड़े के शंकरपुरी महाराज ने बताया कि हिंदू धर्म में सुहागिन 16 शृंगार करती हैं, लेकिन नागा साधु अमृत स्नान के लिए 21 शृंगार करते हैं। इसमें शरीर के साथ ही मन और वचन का भी शृंगार शामिल होता है। इसके साथ ही सर्वमंगल की कामना भी होती है। इस शृंगार का मतलब दिखावा करना नहीं होता है। नागा साधु इसे अंदर तक महसूस भी करते हैं। महादेव को प्रसन्न करने के लिए 21 शृंगार के साथ ही नागा साधुओं ने संगम में अमृत स्नान की डुबकी लगाई।

श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने किन्नर अखाड़े ने संगम में डुबकी लगा भारतवासियों के समृद्धि-कल्याण की कामना की…
महाकुम्भ 2025 के पहले अमृत स्नान के पावन अवसर पर किन्नर अखाड़ा आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े के सभी सदस्यों ने दोपहर में संगम नोज पहुंचकर अमृत स्नान किया। महासंक्रांति के पर्व पर किन्नर अखाड़े ने समाज के कल्याण और उन्नति की कामना की। किन्नर अखाड़े के सदस्य हर हर महादेव का नारे लगाते हुए संगम की ओर बढ़े।
बीच में छत्र के नीचे आचार्य महामंडलेश्वर चल रहे थे और उनके साथ अखाड़े के अन्य महामंडलेश्वर उपस्थित थे। इस दौरान किन्नर अखाड़े के साधु पारंपरिक शस्त्रों का प्रदर्शन कर रहे थे। तलवारें लहराते हुए और जयघोष करते हुए उन्होंने अमृत स्नान का शुभारंभ किया। किन्नर अखाड़े के सदस्य शस्त्रों के साथ अपनी परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन करते नजर आए।

तलवारों और अन्य शस्त्रों को लहराते हुए उन्होंने अपनी शक्ति और परंपरा का परिचय दिया। जयघोष और हर हर महादेव के नारों के बीच पूरा माहौल उत्साह और आस्था से भर गया। किन्नर अखाड़े के इस आयोजन ने महाकुम्भ 2025 में एक विशेष छवि प्रस्तुत की। उनके संदेश ने यह स्पष्ट किया कि समाज के हर वर्ग का उत्थान और कल्याण भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
किन्नर अखाड़े की सदस्य राम्या नारायण गिरी ने बताया कि अमृत स्नान के अवसर पर प्रत्येक सदस्य ने भारतवासियों की सुख-समृद्धि और देश के कल्याण की कामना की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का यह पर्व न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि समाज के प्रति सकारात्मक संदेश देने का भी एक माध्यम है।