रांची: सिविल सर्जन कार्यालय, रांची में पदस्थापित अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ 2) डॉ. अरविंद कुमार पर बिना काम किए वेतन लेने का गंभीर आरोप लगा है। बायोमीट्रिक उपस्थिति के अनुसार, जनवरी 2023 से जून 2024 के बीच कुल 435 कार्यदिवसों में उन्होंने मात्र 164 दिन ही ड्यूटी की, बावजूद इसके उन्हें 40.90 लाख रुपये का वेतन भुगतान किया गया।
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज ने इस मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिया था, लेकिन सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने इसे विभागीय स्तर पर जांच कराने की सिफारिश की है। सूत्रों के अनुसार, बिना उपस्थिति के वेतन भुगतान में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सेल्फ डिक्लेरेशन आवश्यक होता है, लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं किया गया।
इसके अलावा, डॉ. अरविंद पर फूड लाइसेंस निर्गत करने में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं, जिसकी जांच के लिए उपायुक्त, रांची को पत्र भेजा गया है। पूर्व सिविल सर्जन ने भी नवंबर 2022 में स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर डॉ. अरविंद की कर्तव्यनिष्ठा पर सवाल उठाए थे। अब तक उपायुक्त कार्यालय से जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।