रांची : विश्व हृदय दिवस पर रांची के पारस HEC अस्पताल में हृदय रोग से संबंधित मरीज़ों के लिए
विशेष शिविर लगाया गया. इसमें पारस HEC अस्पताल के डॉक्टर महेश कुशवाह
और डॉक्टर नरेंद्र सिंह भोंसले ने मरीजों की मुफ़्त जांच की एवं बीमारी से बचने की सलाह दी.
विश्व हृदय दिवस के अवसर पर मात्र 999 रुपए में हृदय रोग से संबंधित जांच,
मात्र 9,999 रुपए में एंजीयोग्राफ़ी, मात्र 99,999 रुपए में एंजियोप्लास्टी एवं
मात्र 119,999 रुपए में कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ़्ट की सुविधा दी जा रही है.
यह सुविधा 31 अक्टूबर तक ही दी जाएगी.
वरिष्ठ नागरिक क्लब की शुरुआत
विश्व हृदय दिवस के अवसर पर पारस HEC अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक क्लब की शुरुआत की जा रही है.
जिसके अंतर्गत क्लब के सदस्यों को मुफ़्त जांच, परामर्श एवं किफ़ायती इलाज की सुविधा दी जा रही है.
भारत में दिल संबंधी बीमारियां अधिक
पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में दिल संबंधी बीमारियां अधिक इसलिए है कि
हमारी जीवन शैली में कहीं ना कहीं कुछ कमी है.
भारत में 10 से 12 फ़ीसदी लोग हृदय रोगों से ग्रसित हैं.
जबकि अमेरिका जैसे देशों में यह दर 4 से 5 फ़ीसदी है.
अध्ययन बताते हैं कि अमेरिका के मुकाबले हमारे देश में 10 साल कम उम्र में ही
हृदय रोग हो जाता है. यह अच्छा संकेत नहीं है.
लेकिन इससे बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है.
समय पर जांच और जीवनशैली में सुधार कर इन तमाम बीमारियों से बचा जा सकता है.
पारस HEC: इन उम्र के लोगों को करानी चाहिए जांच
अगर हृदयाघात या उससे जुड़ी साइलेंट बीमारियों से बचना चाहते हैं ? तो इसके लिए एक एकजेक्टिव हेल्थ चेक की प्रक्रिया होती है.
30 वर्ष की उम्र में यह टेस्ट करवा लेना चाहिए. यह एक कंप्लीट कांप्रिहेंसिव चेकअप होता है. जिससे रिस्क फैक्टर्स का पता चल जाता है. कोलस्ट्रोल हाई तो नहीं है, रक्त में चर्बी का क्या स्तर है? थायराइड या उच्च रक्तचाप तो नहीं है ? अगर परिवार में किसी को हृदय रोग है तो यह जांच 25 वर्ष की उम्र में ही करवा लेनी चाहिए. अगर टेस्ट में सब कुछ ठीक है तो 5 साल बाद फिर से जांच करवाने की सलाह दी जाती है.
समय पर कराएं जांच
हृदयाघात अकस्मात मृत्यु का प्रमुख कारण कोरोनरी आर्टरी (धमनी) में ब्लॉकेज है. इसकी वजह से हार्ट अटैक और अकस्मात मृत्यु का खतरा 20 फ़ीसदी होता है. व्यायाम करते समय, ट्रेडमिल पर दौड़ते वक्त अथवा फिर तनाव की स्थिति में भी हृदय घात हो सकता है. कई बार यह भी सुनने को मिला है कि कोई 30 वर्ष का व्यक्ति कसरत कर रहा था और उसकी ट्रेडमिल पर ही मृत्यु हो गई.
इसका मतलब है कि उस व्यक्ति को पहले से कोई न कोई परेशानी रही होगी. जिसका उसे पता नहीं चला. कुछ मामलों में ऐसा भी होता है कि व्यक्ति रात को हंसते खेलते सोया और सुबह उठा ही नहीं. यह सब हृदय की बीमारी के कारण होते हैं.
इसलिए शरीर में किसी भी तरह की परेशानी हो तो एक बार चिकित्सक से मिलकर अपने शरीर का स्वास्थ्य जांच जरूर करा लें. समय रहते जांच हो जाने और बीमारी का पता चल जाने से इस बीमारी का इलाज संभव है.
पारस HEC: कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
इस आयोजन में पारस अस्पताल पूर्वी ज़ोन के आयुष निदेशक डॉक्टर तलत हलीम, पारस HEC अस्पताल राँची के फ़ैसिलिटी निदेशक डॉक्टर नितेश कुमार, आयुष निदेशक डॉक्टर संजय कुमार, कार्डीआलॉजी कंसलटेंट डॉक्टर महेश कुशवाहा, कार्डीऐक सर्जरी विभाग के डॉक्टर नरेंद्र सिंह भोंसले, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर सुधाकर मानव, पारस HEC अस्पताल राँची के वित्त प्रमुख विरेंद्र कुमार एवं DGM मार्केटिंग संदीपन कर्मकार मौजूद रहे.