मधेपुरा: भारी बारिश की वजह से Kosi बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण कोसी नदी उफान पर है। कोसी नदी में बढ़ते जलस्तर का असर मधेपुरा के आलमनगर, चौसा और फुलौत का निचला इलाका जलमग्न हो गया। स्थानीय लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हजारों एकड़ में लगी फसल डूब चुकी है।
स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो कोसी नदी के बढ़ते जलस्तर की वजह से मधेपुरा में करीब दो दर्जन से अधिक गांव पानी से घिर चुका है। गांव की सड़कों पर और स्कूलों में पानी घुस चूका है। चौसा, आलमनगर और फुलौत का कई इलाका जलमग्न हो गया है। इनमे से कुछ गांव टापू में तब्दील हो गया है। करीब दो दर्जन स्कूलों में पानी घुस गया है। लोगों के आवागमन के लिए एक मात्र नाव ही सहारा है।
कई गांव का संपर्क पथ क्षतिग्रस्त
बाढ़ प्रभावित कई गांव के लोगों ने बताया कि सड़कों पर पानी जमा है, कई जगहों पर सड़कें टूट गई है जिससे गांव का संपर्क अन्य गांवों से टूट गया है। लोगो ने कहा कि कोसी में बढ़ते जलस्तर की वजह से पानी अब गांवों और खेतों में घुसने लगा है। कई इलाका जलमग्न हो गया है। लोगों के आवागमन के लिए एक मात्र नाव ही सहारा है। सबसे अधिक परेशानी पशुओं को हो रही है कि उनके लिए चारा नहीं है।
कोई नहीं है सुध लेने वाला
ग्रामीणों ने कहा कि बाढ़ की वजह से लोगों की जिंदगी नारकीय हो गयी है। एक तरफ खुद और बच्चों के लिए दाना पानी के मोहताज हैं तो दूसरी तरफ फसल डूब जाने की वजह से मवेशी के लिए चारा भी नहीं है। सरकार हर सुविधा देने का दावा तो कर रही है लेकिन सच में यहां कोई सुध लेने वाला भी नहीं है। प्रशासनिक स्तर से पशुचारा की व्यवस्था नहीं की गई है।
तत्काल मदद की गुहार
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने आलमनगर के जदयू विधायक सह बिहार सरकार के डिप्टी स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव पहुंचे। उन्होंने नाव से बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और लोगों को हर सुविधा दिए जाने का भरोसा दिलाया। लोगों ने उनसे तत्काल राहत और पशुचारा समेत फसल क्षति पूर्ति किये जाने की मांग की। बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव ने डीएम तरनजोत सिंह और एडीएम आपदा से बात कर प्रभावित इलाकों में क्षति का आकलन करने और बाढ़ पीड़ितों को तत्काल मदद पहुंचाने का निर्देश दिया।
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मधेपुरा से रमण कुमार की रिपोर्ट
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