फारबिसगंज : जोगबनी-कटिहार रेलखंड में रविवार की रात जोगबनी से आनंद विहार जाने वाली सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन में दो सौ से अधिक यात्री भारी भीड़ के कारण ट्रेन पर चढ़ नहीं सके। जिससे यात्री आक्रोशित हो गए और प्लेटफार्म पर प्रदर्शन किया। ट्रेन पर सवार नहीं हो पाने वालों में बहुत से ऐसे यात्री भी थे, जिन्होंने बहुत पहले यात्रा को लेकर अपनी टिकट आरक्षित करवाई थी।
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ट्रेन में सवार यात्री ट्रेन के दरवाजे को अंदर से किए हुए थे लॉक
दरअसल, ट्रेन जब जोगबनी से फारबिसगंज आई तो ट्रेन में सवार यात्री ट्रेन के दरवाजे को अंदर से लॉक किए हुए थे।आरपीएफ और रेलवे के कर्मचारियों ने काफी मशक्कत के बाद कई दरवाजे खुलवाने में तो सफल रहे, लेकिन यात्री ट्रेन पर सवार हो पाने में कामयाब नहीं रह पाए। जिसके कारण यात्रियों को ट्रेन छूट गई। महाकुंभ को लेकर प्रयागराज जाने वालों की भीड़ में कमी नहीं हुई है जबकि रेलवे की ओर से प्रयागराज के लिए जोगबनी से टुंडला दो जोड़ी महाकुंभ स्पेशल ट्रेन भी चलाई गई। बावजूद इसके सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन में अभी भी प्रयागराज जाने वालों की भीड़ उमड़ रही है और लोग जोगबनी में खड़े ट्रेन में दिन में ही कब्जा कर ले रहे हैं। जोगबनी से ट्रेन खुलने के बाद महाकुंभ जाने श्रद्धालु यात्रियों के द्वारा ट्रेन के दरवाजे को लॉक कर दिया जाता है। जिसके कारण फारबिसगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार सहित अन्य स्टेशनों पर चढ़ने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ट्रेन में ज्यादा भीड़ होने के कारण नहीं चढ़ पाया – विनोद मंडल
फारबिसगंज स्टेशन पर आरक्षित टिकट रहने के बावजूद ट्रेन में चढ़ पाने में असफल विनोद मंडल ने बताया कि जरूरी कार्यों से उनको दिल्ली जाना था और करीबन एक माह पहले उन्होंने अपना टिकट आरक्षित करवाया था। लेकिन वे दिल्ली जाने के लिए ट्रेन पर भारी भीड़ के कारण चढ़ पाने में सफल नहीं हो पाए। वहीं अरशद वारसी ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा में मकान निर्माण का कार्य करते हैं और इस इलाके से मजदूरों को ले जाकर रोजगार दिलाते हैं। मजदूरों को लेकर दिल्ली जाना था, लेकिन गेट बंद रहने और भीड़ के कारण सभी चढ़ नहीं पाए। जबकि कुछ मजदूर साथी चढ़ गए हैं और बड़ी संख्या में साथी ट्रेन पर चढ़ पाने में सफल नहीं हो पाए।
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रेलवे ने प्रचार-प्रसार तो खूब किया, लेकिन व्यवस्था सही नहीं
स्टेशन पर मौजूद प्रदीप बसु ने आस्था के नाम पर दूसरों को तकलीफ दिए जाने पर सवाल खड़ा करते हुए रेलवे और रेल प्रशासन के प्रति अपना आक्रोश प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सियासतदानों ने जिस तरह महाकुंभ का प्रचार-प्रसार किया, उस तरह की समुचित पहल रेलवे के द्वारा नहीं की गई। जिस कारण आए दिन इस तरह की परिस्थिति पैदा हो रही है। ट्रेन पर सवार होने के लिए पूरे परिवार के साथ स्टेशन पर पांच घंटे से इंतजार करने की बात उन्होंने कही।
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