जामताड़ा : जामताड़ा में सरकारी तंत्र से पहाड़िया समाज आहत और परेशान है.
यहां आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय को पिछले कई माह से ना तो पेंशन का लाभ मिल रहा है ना ही खाद्यान्न मिल रहा है.
लिहाजा इन लोगों के समक्ष विषम परिस्थिति आ चुकी है. यह स्थिति पूरे जामताड़ा जिला
में 56 गांवों में निवास करने वाले पहाड़िया समाज के समक्ष है.
इस संबंध में जामताड़ा के ही तारापेटिया गांव के पहाड़िया समुदाय के लोगों ने अपनी पीड़ा को जाहिर किया.
पहाड़िया समुदाय के लोगों का कहना है कि पिछले पांच माह से पेंशन और डाकिया योजना के तहत मिलने वाला 5 किलो
का राशन नहीं मिलने से हम लोगों का जीना मुहाल हो गया है. साथ ही मनरेगा योजना में भी मजदूरी भुगतान कई माह से
नहीं होने के कारण मजदूरों की स्थिति भी बेहद चिंतनीय है. जिससे उन्हें परिवार का भरण पोषण करने में काफी कठिनाई हो रही है.
यदि सप्ताह भर के अंदर राशन और पेंशन की समस्या का निराकरण नहीं होता है तो
अब पहाड़िया समाज के लोगों ने आंदोलन का रास्ता ढूंढ लिया है.
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि आज पिछले कई महीने से अनाज ना मिलने के कारण लोगों को एक वक्त का ही खाना नसीब हो पा रहा है.
पहाड़िया समुदाय :कई घरों में तो और भी स्थिति खराब है
लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है ।लेकिन अगर यही स्थिति रही तो हम
पहाड़िया समुदाय को राशन न मिलने के सम्बंध में पूछे जाने पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रधान मांझी ने कहा कि
अंत्योदय योजना के तहत मिलने वाला चावल समाप्त हो गया है।इसे लेकर विभाग को सूचित किया गया था।
अभी चावल का उठाव शुरू हो गया है और बहुत जल्द आदिम जनजाति को चावल मुहैया करा दी जाएगी।
वहीं पेंशन न मिलने के सवाल पर सामाजिक सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक सबिता कुमारी ने कहा कि
आवंटन प्राप्त ना होने की वजह से पेंशन का भुगतान नहीं हो पाया है.
अभी आवंटन प्राप्त हो चुका है और विपत्र भी तैयार कर लिया गया है.
जल्द ही पेंशन का भुगतान कर दिया जाएगा.
रिपोर्ट: उज्जवल
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