सामूहिक आत्महत्या के परिजनों से मिले पप्पू यादव, दी आर्थिक मदद

ये सामूहिक आत्महत्या नहीं सूदखोरों और भ्रष्ट तंत्र ने की हत्या- पप्पू यादव

पीड़ित परिवार को 50 हजार नगद और दुकान खोलने के लिए 2 लाख की अतिरिक्त आर्थिक मदद

नवादा : जिले के रजौली प्रखंड क्षेत्र के अमावां गांव में बुधवार को पूर्व सांसद सह जनाधिकार पार्टी के

राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव सामूहिक आत्महत्या के परिजनों से मिलकर सांत्वना दी.

मृतक केदार लाल गुप्ता के बड़े बेटे अमित कुमार को 50 हजार रुपये नगद दिया

एवं व्यवसाय के लिए अतिरिक्त 2 लाख रुपये देने की बात कही.

पप्पू यादव ने प्रेस वार्ता में बताया कि फल व्यवसायी के अपने परिवार समेत

कुल छह लोगों द्वारा की गई आत्महत्या, आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है.

मेरी पूरी संवेदना इस पीड़ित परिवार के साथ है.

इन्हें तत्काल पार्टी की तरफ से आर्थिक मदद के रूप में नगद 50 हजार रुपया दिया गया है.

वहीं मृतक के बड़े बेटे अमित कुमार को व्यवसाय के लिए अलग से पार्टी के तरफ से 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी.

नोटबंदी और जीएसटी ने लोगों को कर दिया बर्बाद

साथ ही उन्होंने कहा कि भारत गरीबी में नजरिया को भी पीछे छोड़ दिया है. भुखमरी में पड़ोसी देश बांग्लादेश, श्रीलंका एवं पाकिस्तान से भी आगे निकल गया है. इस देश में किसानों की दशा भी अत्यंत दयनीय है. नोटबंदी एवं जीएसटी ने व्यापारियों को बर्बाद करके रख दिया है. नोटबंदी के कारण मिडिल क्लास व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. वहीं भारत सरकार द्वारा रोजगार के लिए जनधन योजना के अलावा कई ऐसी योजनाएं लाई गई है. जिसमें मिडिल क्लास और उससे नीचे गरीब तबके के लोगों को बैंक से 50 हजार रुपया भी नहीं दिया जा रहा है.पार्टी के नेताओं के पैरवी के बाद ही कुछ चुनिंदे लोगों को बैंक से लोन दिया जाता है.

आत्महत्या पर पप्पू यादव ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना

पप्पू यादव ने कहा कि स्किल एवं स्टार्टअप योजनाओं की स्थिति यह है कि बिहार नहीं बल्कि पूरे देश में हम सुनने पर चले गए और दोबारा इस पर कोई बात नहीं हुई. जब कभी चुनाव होने वाला होता है तो शीर्ष नेताओं द्वारा आम लोगों में विभिन्न प्रकार के कर्ज को माफ कर देने का दुष्प्रचार किया जाता है. उन्होंने बताया कि सहरसा में नाई मात्र 10 हजार रुपये का कर्ज नहीं चुका पाने पर अपना प्राण त्याग दिया. उन्होंने बिहार सरकार पर हमला करते हुए कहा कि घटना के 7 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार का एक नुमाइंदा भी पीड़ित परिजनों से मिलने तक नहीं आया. इतनी बड़ी घटना पर सत्ताधारी नेताएं चुप्पी साधी हुई है. इससे यह प्रतीत होता है कि वर्तमान सरकार पूर्णतः संवेदनहीन है.

पुलिस प्रशासन पर खड़े किये कई सवाल

साथ ही उन्होंने प्रशासन के कार्रवाइयों पर भी सवाल उठाया कि पुलिस अधीक्षक नवादा समेत अन्य पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष मरते हुए पीड़ित परिजनों ने बयान दर्ज कराया था. इसके बावजूद पुलिस ढुलमुल रवैया अपनाई हुई है. सूदखोरों एवं सुसाइड करने वाले परिवारों की कॉल डिटेल्स पुलिस को निकालनी चाहिए साथ ही सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जानी चाहिए. पीड़ित परिवार के सदस्यों पर किसका कॉल आया था या दुकान या घर पर कौन आते जाते थे इसका पता क्यों नहीं लगाया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि नवादा एवं पावापुरी अस्पताल के दोषी कर्मियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों की देखरेख के एवज में 3000 रुपये की मांग की गई थी. परिजनों द्वारा अस्पताल प्रबंधन को पैसे नहीं देने पर इलाज में कोताही बरती गई.

सामूहिक आत्महत्या: दोषी प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध हो कार्रवाई

उन्होंने बताया कि अस्पताल के लापरवाही से भी कुछ सदस्यों की मौतें हुई है.पप्पू यादव ने लोगों से अपील किया कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर जस्टिस फॉर केदार लाल गुप्ता फैमिली को ट्रेंड करें. साथ ही कहा कि मृतक के बड़े बेटे अमित कुमार को मैं गोद लेता हूं एवं इस घटना की मॉनिटरिंग मेरे द्वारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से मांग करेंगे कि दोषी प्रशासन एवं अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध अविलम्ब कड़ी कार्रवाई की जाए.जिससे की इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके. मौके पर जाप के युवा प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर, जिलाध्यक्ष चन्दन कुमार, झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दीपक कुमार व जिला उपाध्यक्ष शैलेश कुमार के अलावे दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे.

रिपोर्ट: अनिल शर्मा

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