Ranchi- राजधानी रांची का सबसे बड़ा हस्पताल माने जाने वाला रिम्स की लापरवाही एक बार फिर से उजागर हुई है. रिम्स के न्यूरो विभाग में इलाजरत मरीज अचानक से लापता हो गया और फिर उसकी लाश रिम्स के मोर्चरी विभाग में मिली.
बताया जा रहा है कि रिम्स के न्यूरो विभाग में गया जिले के डोभी निवासी नवीन कुमार सोनी की चिकित्सा चल रही थी. लेकिन 8 दिसंबर को इलाजरत मरीज रिम्स से अचानक से लापता हो गया.
परिजनों ने तत्काल रिम्स प्रबंधन और बरियातू थाना में इसकी लिखित शिकायत की. जिसके बाद बरियातू थाने के द्वारा मरीज की खोजबीन की जाने लगी. लेकिन नवीन कुमार सोनी की कोई जानकारी नहीं मिली.
इसी दौरान 10 दिसंबर को पीसीआर 28 को हरमू थाना क्षेत्र में बीमार हालत में भटकता एक व्यक्ति मिला. पीसीआर ने उस बीमार व्यक्ति को अज्ञात मरीज के नाम पर रिम्स में एडमिट करवा दिया. लेकिन उस व्यक्ति की 12 दिसंबर को इलाज के दौरान मौत हो गई.
इधर परिजन नवीन कुमार सोनी की तलाश में जुटे रहें. अचानक रिम्स के मोर्चरी विभाग से परिजनों को एक आया कि आपका मरीज का शव यहां पड़ा हुआ है, आकर पहचान कर लें.
आनन-फानन में परिजन ने मोर्चरी विभाग पहुंच नवीन कुमार सोनी की पहचान की और रिम्स प्रबंधन पर आरोपों की बौछार कर दी. परिजनों का कहना है कि यह प्रबंधन की कैसी व्यवस्था है कि यहां से मरीज लापता हो जाता है और उसकी लाश मोर्चरी में मिलती है.
मामले की जानकारी मिलने के बाद भारतीय मानवाधिकार एसोसिएयन की अध्यक्ष कुमुद झा ने रिम्स का दौरा किया. और रिम्स प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाया. कुमुद झा ने बताया कि जब रिम्स में किसी अज्ञात मरीज को एडमिट किया गया था तो उसी समय इसकी सूचना परिजनों को दी जानी चाहिए थी.
रिम्स प्रबंधन ने झाड़ा पल्ला
इस मामले में बरियातू थाना का कहना है कि गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाते ही पुलिस के स्तर से कार्रवाई की गई. जबकि इस मामले में रिम्स प्रबंधन ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि गुमशुदगी के बाद रिम्स की ओर से सभी प्रक्रियायों का पालन किया गया. रिम्स में हजारों मरीज प्रतिदिन एडमिट होते है, ऐसे में सीसीटीवी फुटेज खंगालना काफी मुश्किल है.
रिपोर्टर – करिश्मा सिन्हा