पटना जिले की 14 विधानसभा सीटों पर इस बार भी जातीय समीकरण का वही पुराना गणित दिख रहा है। यादव-भूमिहार का दबदबा, राजपूतों का उभार और कुर्मी-कायस्थ को कम हिस्सेदारी।
पटना जिले में फिर वही जातीय गणित: Yadav और Bhumihar की पकड़ बरकरार
Patna Election 2025 पटना : जिले की 14 विधानसभा सीटों पर इस बार भी चुनावी तस्वीर में बहुत बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है। चाहे एनडीए जीते या महागठबंधन — विधायक वही जाति से होंगे जो अब तक सत्ता में रहे हैं। दलों ने टिकट बांटने में पारंपरिक जातीय समीकरणों को ही वरीयता दी है।
Patna Election 2025 पटना : यादव और भूमिहार का असर
फतुहा, दानापुर, मनेर और पालीगंज में एनडीए और महागठबंधन, दोनों ने यादव उम्मीदवारों को टिकट दिया है। यानी इन चारों सीटों पर नतीजा किसी के पक्ष में जाए, विधायक यादव ही बनेगा। वहीं बिक्रम और मोकामा सीटों पर भूमिहार उम्मीदवारों की सीधी टक्कर है।
बाढ़ में राजद ने यादव उम्मीदवार को मौका दिया है, जबकि फुलवारी और मसौढ़ी जैसी सुरक्षित सीटों को छोड़कर बाकी जगहों पर भी वही जातीय समीकरण कायम हैं।
Key Highlights:
पटना जिले की 14 विधानसभा सीटों में जातीय समीकरण लगभग जस का तस
यादव और भूमिहार जाति के उम्मीदवारों का दबदबा कायम
राजपूत उम्मीदवारों की संख्या इस बार बढ़ी, छह सीटों पर लड़ाई
कुर्मी और कायस्थ को सबसे कम प्रतिनिधित्व
पटना शहर की कुछ सीटों पर समीकरण बदलने के आसार
Patna Election 2025 पटना : राजपूत उम्मीदवारों का बढ़ा दबदबा
इस बार यादव और भूमिहार के बाद सबसे ज्यादा टिकट राजपूत जाति को मिले हैं। कुल छह विधानसभा क्षेत्रों से राजपूत प्रत्याशी मैदान में हैं।
बाढ़ से भाजपा के सियाराम सिंह और जनसुराज के महेश सिंह, दोनों राजपूत हैं। दीघा से जनसुराज के रितेश रंजन उर्फ बिट्टू सिंह और माले की दिव्या गौतम भी इसी समुदाय से आते हैं।
फतुहा से राजू कुमार और मनेर से संदीप कुमार को टिकट मिला है। हालांकि 2020 में सिर्फ एक राजपूत उम्मीदवार, भाजपा के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ही विजयी हुए थे।
Patna Election 2025 पटना : कुर्मी-कायस्थ को सीमित मौका
कुर्मी और कायस्थ समुदाय को इस बार बेहद कम अवसर मिला है। भाजपा ने बांकीपुर से फिर से नितिन नवीन को टिकट दिया है। जनसुराज ने कुम्हरार से केसी सिन्हा (कायस्थ) और बख्तियारपुर से बाल्मिकी सिंह (कुर्मी) को मैदान में उतारा है।
Patna Election 2025 पटना : कहीं-कहीं बदल सकते हैं समीकरण
पटना शहर की कुछ सीटों पर जातीय समीकरणों में हलचल की संभावना है। पटना साहिब सीट पर भाजपा जीती तो कुशवाहा विधायक बनेंगे, जबकि कांग्रेस जीती तो यादव परंपरा बरकरार रहेगी। कुम्हरार सीट पर भाजपा ने वैश्य, और कांग्रेस ने कहार जाति के उम्मीदवार को उतारा है।
पटना जिले की राजनीति में जातीय समीकरण अभी भी सबसे अहम फैक्टर बने हुए हैं। इस बार भी टिकट बंटवारे से लेकर मुकाबले की तस्वीर तक, जातीय गणित ही निर्णायक भूमिका में है। कौन जीतेगा, यह भले चुनाव बाद तय होगा, पर इतना साफ है कि विधानसभा तक पहुंचने वाले चेहरे वही होंगे जो वर्षों से जातीय आधार पर सत्ता की परिधि में बने हुए हैं।
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