सहरसा: Kosi नदी में लगातार जलस्तर बढ़ने से कोसी तटबंध के अंदर स्थिति बहुत खराब हो गई है जबकि पूर्वी तटबंध के हेमपुर के नजदीक तटबंध के ऊपर पानी चढ़ने के कगार पर है। कोसी बराज से रविवार सुबह एक बार फिर से करीब छः लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जबकि रविवार को भी कोसी बराज से पानी छोड़ा गया था। लगातार दो दिनों तक कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के कारण सहरसा में भीषण बाढ़ की स्थिति बन गई है।
सहरसा के चार प्रखंड नवहट्टा, महिषी, सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ के कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोगों को प्रशासनिक टीम निचले इलाके से निकाल कर ऊँचे हिस्सों में जाने के लिए कह रही है साथ ही उन्हें पहुंचा भी रही है। नवहट्टा प्रखंड का सात पंचायत डरहार, हाँटी, बकुनिया, नौला आदि पंचायत के लोग तटबंध पर शरण लेने लिए हुए हैं वहीं कुछ लोग जो अभी भी तटबंध में फंसे हुए हैं।
भीषण बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क है और लोगों को हर तरह की सुविधा देने का दावा कर रही है। हालांकि पानी के बीच घिरे लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का भी आरोप लगाया और हर सुविधा नहीं देने की बात कही है। लोगों ने कहा कि घर में रखे सामान की क्षति हुई, सब कुछ डूब गया, खाने के लिए दाने दाने के लिए लोग मोहताज हैं।
लोग किसी तरह बच्चे, मवेशी को लेकर निकल रहे हैं लेकिन प्रशसन की तरफ से उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। कोसी नदी के बचाव हेतु बनाये गए पुराने तटबंध और कई स्पर को पानी के तेज धार ने तोड़ दिया है जिससे कोसी के किनारे बसे लोगों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है। लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि नवहट्टा प्रखंड के हेमपुर के समीप पूर्वी तटबंध को सुरक्षित नहीं किया गया तो बड़ी घटना भी घट सकती है। हालाँकि पुलिस लगातार लोगों को सतर्क करने में जुटी हुई है।
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सहरसा से राजीव झा की रिपोर्ट
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