डिजीटल डेस्क : PK की जन सुराज का संविधान बनकर तैयार, 2 अक्टूबर को होगा सार्वजनिक। बिहार में PK यानी प्रशांत किशोर के जुन सुराज पार्टी का संविधान बनकर तैयार हो चुका है। दो साल की पैदल पदयात्रा के बाद 2 अक्टूबर को PK अपनी नई पार्टी जन सुराज लॉन्च करेंगे।
तय कार्यक्रम के मुताबिक, पटना स्थित वेटनरी कॉलेज में इसका आयोजन होगा। नई पार्टी के लॉन्चिंग की पूरी तैयारी करने के साथ ही पार्टी के सिंबल से लेकर संविधान तक फाइनल हो चुके हैं। 2 अक्टूबर को ही तैयार पार्टी के संविधान को सार्वजनिक किया जाएगा।
10वीं फेल नहीं लड़ पाएंगे विधायकी, राइट टू रिकॉल होगा लागू
PK की पार्टी के तैयार संविधान में कुछ अहम तथ्य शामिल हैं। इसमें पहली बार राइट टू रिकॉल और चुनाव लड़ने की न्यूनतम अर्हता की व्यवस्था की गई है। इसके मुताबिक, 10वीं फेल विधायकी का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। देश के इतिहास में इन दोनों व्यवस्था को किसी भी पार्टी ने लागू नहीं किया है।
टिकट को लेकर पार्टी ने अपने संविधान में न्यूनतम अर्हता तय किया है। 10वीं पास व्यक्ति ही विधायकी के टिकट के लिए दावेदारी कर सकता है। पहले पार्टी 12वीं का मापदंड रखने जा रही थी, लेकिन कुछ सदस्यों का कहना था कि इससे दलित और वंचित वर्ग के लोग राजनीति में नहीं आ पाएंगे।
जन सुराज के संविधान में राइट टू रिकॉल की व्यवस्था की गई है। इसके तहत जो जीते हुए प्रतिनिधि अपना वादा नहीं निभा पाएंगे, उन्हें पद छोड़ना होगा। अन्ना आंदोलन के वक्त इसकी चर्चा तेज हुई थी, लेकिन किसी भी पार्टी ने तब इसे लागू नहीं किया।
जन सुराज में पहला अध्यक्ष दलित होगा, 21 लोगों की होगी सेंट्रल कमेटी
जन सुराज का राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है। गत मार्च में आयोग ने दल को सेब वाला सिंबल प्रदान किया था। हालांकि, अब सिंबल को लेकर नए सिरे से विचार विमर्श किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर दल में एक अध्यक्ष होंगे। पटना की मीटिंग में अध्यक्ष के नाम की भी घोषणा होगी। जन सुराज में अध्यक्ष की पहली कुर्सी दलित समुदाय के राजनेता को मिलेगी।
कहा जा रहा है कि अध्यक्ष के लिए अभी 3 दावेदार रेस में सबसे आगे हैं, लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी है। दूसरे साल में अध्यक्ष की कुर्सी अति पिछड़ा वर्ग और तीसरे साल में मुस्लिम समुदाय को सौंपी जाएगी। चौथे साल में पिछड़े समुदाय को अध्यक्ष की कुर्सी मिलेगी। पांचवें साल में सवर्ण समुदाय के राजनेता अध्यक्ष बनेंगे।
अध्यक्ष के बाद संगठन महासचिव का पद निर्मित किया गया है। इसके अलावा दल में उपाध्यक्ष और सचिव का भी पद होगा। राष्ट्रीय स्तर पर सेंट्रल कमेटी सबसे पावरफुल होगी। कमेटी में 19-21 मेंबर होंगे। सेंट्रल कमेटी ही सभी बड़े फैसले लेगी। कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर भी इसके सदस्य हो सकते हैं।
सेंट्रल कमेटी में सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित हो, इस पर काम चल रहा है। जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन की शक्ति को दो भागों में बांटा गया है। एक मुख्य संगठन होगा और दूसरा अभियान समिति। अभियान समिति मुद्दों को लेकर लोगों तक जाएगी।
संगठन फीडबैक और अन्य जरूरी कामों को देखेगी। पार्टी के संविधान में फ्रंटल संगठन का भी जिक्र है। वर्तमान में 3 (महिला, युवा और किसान) फ्रंटल संगठन जन सुराज के भीतर होगा।

बिहार के 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से जन सुराज का लिटमस टेस्ट करेंगे PK
जन सुराज पार्टी सबसे पहले बिहार में विधानसभा उपचुनाव के जरिए चुनावी मैदान में उतरेगी। बिहार में 4 सीटें अभी रिक्त है, जिन पर इस साल के अंत में विधानसभा के उपचुनाव प्रस्तावित हैं। PK ने हाल ही में इसकी घोषणा भी की थी।
बिहार में जिन 4 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें कैमूर की रामगढ़, गया की ईमामगंज व बेलागंज और भोजपुर की तरारी सीट शामिल हैं। बताया जा रहा है कि PK होने वाले उपचुनाव के जरिए सियासत का लिटमस टेस्ट करना चाहते हैं।
साल 2000 के बाद से गठित कोई भी दल बिहार में पांव नहीं जमा पाया है। PK बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर फोकस कर रहे हैं क्योंकि बिहार में अक्तूबर 2025 में विधानसभा की 243 सीटों पर मतदान प्रस्तावित है।
PK ने जन सुराज ने स्थापना के बाद से ही 1 करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में बिहार में करीब 12 करोड़ आबादी है। चुनाव आयोग के मुताबिक बिहार कुल मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 64 लाख 33 हजार 329 है। इनमें 4 करोड़ 29 लाख पुरुष और 3 करोड़ 64 लाख महिला मतदाता है।
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