धनबाद: धनबाद जिले के बाघमारा क्षेत्र अंतर्गत केसरगढ़ा स्थित जमुनिया नदी के पास मंगलवार शाम अवैध कोयला खनन के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। अवैध खदान की चाल धंसने से आधा दर्जन से अधिक मजदूरों के दबने की सूचना है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, करीब 9 मजदूरों की मौत हो चुकी है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर अब तक घटना की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि दुर्घटनाग्रस्त मजदूर गिरिडीह जिले के रहने वाले हैं। घटना के बाद से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। अवैध खनन में लिप्त माफिया के गुर्गों ने घटनास्थल को चारों ओर से हथियारों के बल पर घेर लिया है, जिससे वहां न तो रेस्क्यू टीम पहुंच पा रही है और न ही मीडिया या स्थानीय नागरिक।
माफिया की घेराबंदी से बचाव कार्य बाधित
स्थानीय लोगों का कहना है कि घटनास्थल पर आने-जाने वालों की निगरानी की जा रही है और किसी को भी पास नहीं जाने दिया जा रहा है। गहराते अंधेरे और हथियारबंद माफिया की सक्रियता के कारण अब तक किसी प्रकार का बचाव कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।
प्रशासन ने जताई अनभिज्ञता, सवालों के घेरे में सक्रियता
बाघमारा थाना प्रभारी अजीत कुमार ने घटना की जानकारी से इनकार किया है। इसी तरह ब्लॉक-टू क्षेत्र के नोडल सुरक्षा अधिकारी राजीव रंजन ने भी अनभिज्ञता जताई है, जिससे पुलिस और प्रशासन की सक्रियता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
कतरास और राजगंज में भी हलचल
घटना के बाद कतरास और राजगंज थाना क्षेत्र के कांको इलाके में देर रात हलचल देखी गई। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दर्जनों संदिग्ध लोग समूह बनाकर सड़क जाम करने की योजना बनाते देखे गए, लेकिन पूछताछ करने पर उन्होंने कोई जानकारी साझा नहीं की।
विधायक सरयू राय ने जताई चिंता, एसएसपी को दी जानकारी
जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने इस हादसे को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि बाघमारा के जमुनिया क्षेत्र में अवैध खनन के दौरान 9 मजदूरों की मौत हुई है और खनन माफिया शवों को निपटाने में जुटा है। उन्होंने इस मामले में धनबाद के एसएसपी को अवगत भी कराया है।
सरयू राय ने चुनचुन नामक खनन माफिया का नाम लेते हुए आरोप लगाया है कि वह राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण में अवैध खनन को अंजाम दे रहा है।इस हादसे ने एक बार फिर झारखंड में फलते-फूलते अवैध खनन नेटवर्क और उससे जुड़ी प्रशासनिक लापरवाही की ओर ध्यान आकर्षित किया है। जब तक इस पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक ऐसी घटनाएं मजदूरों की जान लेती रहेंगी।